क्या एमएसएमई देश की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ हैं? : राष्ट्रपति मुर्मू

सारांश
Key Takeaways
- एमएसएमई देश की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ हैं।
- ये उद्यम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करते हैं।
- सरकार ने एमएसएमई के विकास के लिए कई नीतियाँ बनाई हैं।
- नवाचार इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हो रही है।
नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण आधार हैं। यह उद्यम सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं और जमीनी स्तर पर नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं।
एमएसएमई दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा कि एक सशक्त एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र देश के सतत आर्थिक विकास के लिए न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि अनिवार्य भी है। ये उद्यम कम पूंजी लागत पर अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ये उद्यम ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार सृजन करते हैं। इस प्रकार, एमएसएमई क्षेत्र कमजोर वर्गों को सशक्त बनाकर और विकास का विकेंद्रीकरण करके समावेशी विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि एमएसएमई क्षेत्र देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फिर भी, इस क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि वित्त की कमी, बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा, नवीनतम तकनीक का अभाव, कच्चे माल और कुशल कार्यबल की कमी, सीमित बाजार और विलंबित भुगतान।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई के महत्व और उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने कई नीतिगत पहलों की शुरुआत की है। इनमें एमएसएमई के लिए वर्गीकरण मानदंडों का संशोधन, ऋण उपलब्धता में वृद्धि, केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को 35 प्रतिशत वार्षिक खरीद सूक्ष्म और लघु उद्यमों से प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना, पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों के कौशल विकास आदि शामिल हैं। उन्होंने यह जानकर खुशी व्यक्त की कि इन प्रयासों से पंजीकृत एमएसएमई की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऑनलाइन विवाद समाधान पोर्टल विलंबित भुगतान के मामलों में महत्वपूर्ण साबित होगा। नवाचार एमएसएमई की स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है। एमएसएमई द्वारा जमीनी स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने से स्थानीय संसाधनों से स्थानीय समस्याओं का किफायती समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
राष्ट्रपति ने हाल के वर्षों में एमएसएमई क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए इस क्षेत्र में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने युवा महिलाओं से उद्यम स्थापित करने और आत्मनिर्भर बनने की अपील की।