क्या 'रेड कॉरिडोर' अब 'ग्रीन कॉरिडोर' बन गया है? : पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।
- पीएम मोदी ने नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की सफलता पर जोर दिया।
- बस्तर का उदाहरण देते हुए बताया गया कि आज वहां के युवा ओलंपिक में भाग ले रहे हैं।
- 'रेड कॉरिडोर' अब 'ग्रीन कॉरिडोर' बन चुका है।
- नई योजनाओं की घोषणा की गई है।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मना रहा है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया और देशवासियों को संबोधित किया। समृद्ध भारत की आवश्यकता पर जोर देते हुए नक्सलवाद के खिलाफ सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की।
दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने देश में नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, "हम बदलाव लाने में सफल हुए हैं। एक समय देश के बड़े जनजातीय क्षेत्र नक्सलवाद की चपेट में थे। सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी समुदाय को हुआ, जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया।"
उन्होंने आगे कहा कि पहले 125 से अधिक जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे, लेकिन अब यह समस्या केवल 20 जिलों तक सीमित रह गई है। पीएम ने बस्तर का उदाहरण देते हुए कहा, "पहले बस्तर का नाम सुनते ही बम और बंदूक की आवाजें गूंजती थीं, लेकिन आज बस्तर के युवा ओलंपिक में भाग ले रहे हैं। जो क्षेत्र कभी 'रेड कॉरिडोर' कहलाता था, वह अब 'ग्रीन कॉरिडोर' बन गया है, जहाँ संविधान, विकास और कानून का तिरंगा लहरा रहा है।"
पीएम ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का जिक्र करते हुए कहा, "नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बचाकर उनकी सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है।" उन्होंने विकास और शांति के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों को मुख्यधारा में लाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रधानमंत्री ने विज्ञान, संस्कृति, खेल और अर्थव्यवस्था सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार साझा किए। लगभग 109 मिनट के इस संबोधन में कई नई योजनाओं की घोषणा भी की गई। पीएम ने विकसित भारत रोजगार योजना, नेशनल डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन, नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन, और जीएसटी सुधार से जुड़े ऐलान किए। यह उनके प्रधानमंत्री रहते हुए 12वां संबोधन था।
पीएम मोदी ने देशवासियों को अपनी उकाब बुलंद करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "हमें किसी की भी लकीर छोटी नहीं करनी है। हमें अपनी लकीर लंबी करनी है। अगर हम अपनी लकीर लंबा करते हैं, तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी।"