क्या मध्य प्रदेश में ऑपरेशन फास्ट से फर्जी सिम की बिक्री पर लगेगी रोक?

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क्या मध्य प्रदेश में ऑपरेशन फास्ट से फर्जी सिम की बिक्री पर लगेगी रोक?

सारांश

मध्य प्रदेश की साइबर पुलिस ने फर्जी सिम कार्डों की बिक्री पर अभियान चलाया है। 'ऑपरेशन फास्ट' के तहत 44 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्यवाही 20 जिलों में की गई है, जिससे कई जिंदगियों को सुरक्षित किया जा सकेगा। जानिए इस ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी।

Key Takeaways

  • ऑपरेशन फास्ट के तहत 44 गिरफ्तारियां हुईं।
  • पुलिस ने 20 जिलों में कार्रवाई की।
  • फर्जी सिम का उपयोग साइबर धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था।
  • साइबर पुलिस ने 50 से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं।
  • 'संचार साथी' पोर्टल से जानकारी प्राप्त करें।

भोपाल, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की स्टेट साइबर पुलिस ने फर्जी सिम कार्डों की बिक्री पर प्रभावी कदम उठाया है। 'ऑपरेशन फास्ट' (फर्जी सिम एक्टिवेशन टर्मिनेशन) के अंतर्गत, पुलिस ने 20 जिलों में 94 सिम विक्रेताओं को पकड़ा है। अब तक 50 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और जांच प्रक्रिया जारी है। इस ऑपरेशन के तहत 44 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।

फर्जी सिम का उपयोग कंबोडिया, थाईलैंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में साइबर धोखाधड़ी और डिजिटल उत्पीड़न की घटनाओं के लिए किया जा रहा था।

साइबर एसपी प्रणय नागवंशी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि इंडियन फोर्सेस कम्युनिकेशन दिल्ली से मिली जानकारी के आधार पर इस अभियान की शुरुआत की गई।

उन्होंने बताया कि हमें साइबर अपराध और धोखाधड़ी में इस्तेमाल हो रहे नंबरों की जानकारी मिली। विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ कि ये सिम फर्जी नाम-पते पर जारी किए गए थे।

कई पीओएस एजेंट इन्हें अवैध तरीके से बेच रहे थे। जांच में यह बात सामने आई कि यह रैकेट मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में फैला हुआ है। हमने सबसे पहले 20 जिलों की पहचान की और जिला पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई शुरू की।

यह ऑपरेशन 15 दिनों में पूरा किया गया, जिसमें इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल के साइबर कार्यालयों के साथ जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने मिलकर कार्य किया। 6 सदस्यीय स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने प्रदेशव्यापी अभियान का संचालन किया।

तारीखों को निर्धारित कर समन्वय स्थापित किया गया। आरोपियों के पास से बरामद सामान में 24 लूप सिम (फर्जी सक्रिय सिम), 26 मोबाइल और लैपटॉप, 7 थंब इंप्रेशन मशीनें, तीन डेबिट कार्ड, दो पासबुक, 100 फर्जी सिम और अन्य दस्तावेज शामिल हैं। ये सभी सामान साइबर ठगों को फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी करने में मदद करते थे।

नागवंशी ने कहा, "कई ग्राहकों को यह भी नहीं पता कि उनके नाम पर कितने सिम सक्रिय हैं। हम सभी को 'संचार साथी' पोर्टल के माध्यम से जांच करने की सलाह देते हैं। अगर आपकी जानकारी के बिना सिम लिया गया हो, तो उसे निष्क्रिय कराएं। वर्तमान में 20 जिलों में कार्रवाई चल रही है, और जल्द ही अन्य जिलों में भी इसका विस्तार होगा।"

Point of View

NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन फास्ट क्या है?
ऑपरेशन फास्ट एक अभियान है जिसे मध्य प्रदेश की साइबर पुलिस ने फर्जी सिम कार्डों की बिक्री को रोकने के लिए चलाया है।
इस ऑपरेशन में कितने लोग गिरफ्तार हुए हैं?
इस ऑपरेशन के तहत अब तक 44 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
फर्जी सिम का उपयोग कहां हो रहा था?
फर्जी सिम का उपयोग कंबोडिया, थाईलैंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में साइबर धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था।
क्या मैं जान सकता हूं कि मेरे नाम पर कितने सिम सक्रिय हैं?
हां, आप 'संचार साथी' पोर्टल के माध्यम से अपने नाम पर सक्रिय सिम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
क्या इस ऑपरेशन का विस्तार अन्य जिलों में होगा?
जी हां, वर्तमान में 20 जिलों में कार्रवाई हो रही है और जल्द ही अन्य जिलों में भी इसका विस्तार किया जाएगा।