क्या कांग्रेस सांसद ने 'जल जीवन मिशन' के तहत मणिपुर में घोटाले का आरोप लगाया है?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने जल जीवन मिशन के तहत घोटाले का आरोप लगाया है।
- आरोपों की जांच के लिए अदालत की निगरानी की मांग की गई है।
- सरकारी आंकड़ों और जमीनी स्तर पर वास्तविकता में बड़ा अंतर है।
- मणिपुर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है।
- सांसद ने कई गांवों का दौरा करके स्थिति का निरीक्षण किया।
नई दिल्ली/इंफाल, ८ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने बुधवार को यह आरोप लगाया कि मणिपुर में केंद्र प्रायोजित योजना जल जीवन मिशन के तहत कई सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। उन्होंने अदालत की निगरानी में जांच की मांग की।
मणिपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के लोकसभा सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़े दावा करते हैं कि मणिपुर के लगभग ८० प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल का पानी पहुंचाया गया है, लेकिन वास्तविकता कुछ और है।
अकोईजाम ने बताया कि उन्होंने मणिपुर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है, जिसमें राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। इसमें जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत और उपयोग की गई धनराशि का जिलावार ऑडिट, सरकार द्वारा किए गए नल जल कनेक्शन के दावों का सत्यापन, और संविधान के अनुच्छेद २१ के तहत सुरक्षित पेयजल की पहुंच को मान्यता देने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि हर घर को प्रतिदिन कम से कम दो घंटे नल के पानी की आपूर्ति की गारंटी होनी चाहिए।
कांग्रेस सांसद ने नई दिल्ली स्थित एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने कई गांवों का दौरा करके सरकारी रिकॉर्ड में किए गए दावों की व्यक्तिगत रूप से जांच की।
उन्होंने बताया कि आधिकारिक दावों और वास्तविकता में भारी अंतर है, और यह भी कहा कि पाइप बिछाने का काम उनके द्वारा मामला उठाने के बाद ही शुरू हुआ।
अकोईजाम ने कहा कि यह सरकार के अपने दावों को झूठा साबित करता है। एक ओर, सरकार कह रही है कि काम पूरा हो गया है, जबकि असल में पाइप बिछाने का काम अभी शुरू हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य को ऐसे समय में लूटा गया जब वह एक दुखद दौर से गुजर रहा था, जहां हर जगह हिंसा हो रही थी।