क्या भविष्य में तीर्थयात्राओं के लिए बेहतर तैयारियां करनी होंगी ताकि दुर्घटनाएं न हों? : हरीश रावत

Click to start listening
क्या भविष्य में तीर्थयात्राओं के लिए बेहतर तैयारियां करनी होंगी ताकि दुर्घटनाएं न हों? : हरीश रावत

सारांश

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई भगदड़ पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने घटना की गहन जांच की मांग की है और भविष्य में बेहतर तैयारियों की आवश्यकता पर जोर दिया है। जानें पूरी घटना में क्या हुआ और नेताओं की अपीलें क्या हैं।

Key Takeaways

  • हरिद्वार में हुई भगदड़ ने सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।
  • हरीश रावत ने गहन जांच की मांग की है।
  • भक्तों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
  • घायलों का इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है।
  • भविष्य में बेहतर तैयारियों की आवश्यकता है।

देहरादून, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ की घटना पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने इसे एक गंभीर चिंता का विषय बताया। रावत ने कहा कि यह घटना सुबह जब पता चली, तब उन्हें एक बड़ा झटका लगा। उन्होंने इस घटना की गहनता से जांच की मांग की है।

रविवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री ने तीर्थस्थलों की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखंड में देवताओं का वास है और वे स्वयं लोगों को वहां आने के लिए फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रोत्साहित करते हैं। हालांकि, इस हादसे पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मनसा देवी मंदिर, जो ऊचाई पर स्थित है और जहां केवल उड़न खटोला (रोपवे) या लंबा पैदल मार्ग ही पहुंचने के रास्ते हैं, वहां इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित क्यों नहीं किया गया।

रावत ने मांग की कि भगदड़ की वजह, खासकर बिजली के करंट की अफवाह, की गहराई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की कि पीड़ितों को पर्याप्त मदद दी जाए, घायलों का इलाज सुनिश्चित किया जाए और उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुंचाया जाए।

रावत ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं से सबक लेकर भविष्य में तीर्थयात्राओं के लिए बेहतर तैयारियां करनी होंगी ताकि ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों।

मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रवींद्र पुरी के अनुसार, यह हादसा सीढ़ी मार्ग पर अत्यधिक भीड़ और तंग रास्ते के कारण हुआ, जहां एक बच्चे के पैर फिसलने से भगदड़ शुरू हो गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि करंट फैलने की अफवाह गलत है और इसे विरोधियों द्वारा फैलाया जा रहा है। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया, जिसमें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें शामिल थीं। घायलों को एम्स ऋषिकेश, हरमिलाप मिशन राजकीय चिकित्सालय, और मेला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उन्होंने भक्तों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।

Point of View

NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ का कारण क्या था?
भगदड़ का कारण सीढ़ी मार्ग पर अत्यधिक भीड़ और तंग रास्ता था, जहां एक बच्चे के पैर फिसलने से भगदड़ शुरू हो गई।
क्या प्रशासन ने घायलों की मदद की?
हां, प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने क्या सुझाव दिए?
उन्होंने भविष्य में तीर्थयात्राओं के लिए बेहतर तैयारियों और भगदड़ की गहन जांच की मांग की है।
क्या करंट फैलने की अफवाह सही थी?
नहीं, ट्रस्ट के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि करंट फैलने की अफवाह गलत है और इसे विरोधियों द्वारा फैलाया जा रहा है।
इस घटना से क्या सबक मिलते हैं?
हमें तीर्थस्थलों पर सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी और बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है।