क्या मेटा भारतीय यूजर्स के लिए हिंदी में एआई चैटबॉट्स बना रही है?

सारांश
Key Takeaways
- मेटा भारतीय यूजर्स के लिए हिंदी एआई चैटबॉट्स पर काम कर रही है।
- कंपनी अमेरिका में कॉन्ट्रैक्टर्स की भर्ती कर रही है।
- भर्ती प्रक्रिया में कई भाषा क्षमताओं की आवश्यकता है।
- गोपनीयता संबंधी चिंताएं महत्वपूर्ण हैं।
- मेटा की एआई नीतियों पर निगरानी की जा रही है।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मेटा भारतीय यूजर्स के लिए हिंदी में एआई चैटबॉट्स विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके लिए, कंपनी कथित तौर पर अमेरिका में 55 डॉलर (लगभग 4,850 रुपए) प्रति घंटे की दर पर कॉन्ट्रैक्टर्स की भर्ती कर रही है।
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, ये भूमिकाएं भारत, इंडोनेशिया और मैक्सिको जैसे तेजी से विकसित होते बाजारों में अपनी एआई उपस्थिति का विस्तार करने की मेटा की योजना का हिस्सा हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि नौकरी की लिस्टिंग से यह स्पष्ट होता है कि कॉन्ट्रैक्टर्स की भर्ती क्रिस्टल इक्वेशन और एक्वेंट टैलेंट जैसी स्टाफिंग कंपनियों के माध्यम से की जा रही है।
इन चैटबॉट्स का मुख्य रूप से इंस्टाग्राम, मैसेंजर और व्हाट्सएप पर काम करने वाले कैरेक्टर्स पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
आवेदकों को हिंदी, इंडोनेशियाई, स्पेनिश या पुर्तगाली में धाराप्रवाह होना अनिवार्य है और कहानी कहने, कैरेक्टर डेवलपमेंट और एआई कंटेंट वर्कफ्लो में कम से कम छह साल का अनुभव होना चाहिए।
हालांकि, मेटा की ओर से इस भर्ती की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि क्रिस्टल इक्वेशन ने मेटा के लिए हिंदी और इंडोनेशियाई भाषा के पदों का विज्ञापन दिया है, जबकि एक्वेंट टैलेंट ने 'शीर्ष सोशल मीडिया कंपनी' के लिए स्पेनिश भाषा के लिए भर्ती का विज्ञापन किया है।
इससे पहले, सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने कहा था कि चैटबॉट्स "वास्तविक दुनिया की दोस्ती को पूरक" बना सकते हैं और लोगों को डिजिटल साथियों के साथ आसानी से जुड़ने में मदद कर सकते हैं।
हालांकि, मेटा के एआई चैटबॉट्स पर बढ़ती आलोचना भी हुई है। पहले की रिपोर्टों में बताया गया था कि मेटा के कुछ बॉट्स नाबालिगों के साथ अनुचित रोमांटिक या यौन बातचीत में लिप्त थे, जो कि भ्रामक चिकित्सा सलाह देने और नस्लवादी प्रतिक्रियाएं देने के लिए भी जाने जाते थे। साथ ही, गोपनीयता संबंधी चिंताएं भी उठाई गई हैं।
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट में यह पहले बताया गया था कि चैटबॉट बातचीत की समीक्षा करने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स को अक्सर संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, फोन नंबर, ईमेल और सेल्फी मिल जाती थी, जिससे इस डेटा के प्रबंधन को लेकर सवाल उठने लगे थे।
इन रिपोर्टों के बाद, अमेरिकी सांसदों ने मेटा की एआई नीतियों की कड़ी निगरानी की मांग की है।