क्या मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति नए भारत की पहचान बन गई है? : तरुण चुघ

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क्या मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति नए भारत की पहचान बन गई है? : तरुण चुघ

सारांश

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि मानवता पर हमला है। जानें, मोदी सरकार के दृष्टिकोण और प्रवासी भारतीयों की भूमिका के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत की जीरो टॉलरेंस नीति ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
  • मोदी सरकार की नीतियों से भारत की वैश्विक पहचान मजबूत हुई है।
  • आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता है।
  • प्रवासी भारतीयों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • विकसित भारत 2047 का सपना सभी के लिए है।

डबलिन/नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने एयर इंडिया फ्लाइट 182 (कनिष्का विमान) के 329 यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट युद्ध छेड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह घटना केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला था।

तरुण चुघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की अपील की, जिसमें दुनिया को आतंकवाद से मुक्त करना भारत की प्राथमिकता रही है। आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, उससे सख्ती से निपटना चाहिए। आतंकवाद की फंडिंग तुरंत रोकी जानी चाहिए और इस खतरे को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना चाहिए।

आयरलैंड स्थित भारतीय दूतावास में प्रवासी भारतीयों एवं ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करते हुए तरुण चुघ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र किया और इसे पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा शांति एवं विकास की प्रक्रिया को बाधित करने का कुप्रयास बताया।

उन्होंने कहा कि भारत को अस्थिर करने की साज़िशें बार-बार रची जाती हैं, लेकिन मोदी सरकार की निर्णायक नीति और देशवासियों की एकजुटता इन प्रयासों को हर बार नाकाम करती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के 'विकसित भारत 2047' संकल्प पर भी चर्चा हुई।

चुघ ने कहा कि भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और उद्योग, सेवा, निर्यात जैसे क्षेत्रों में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। इस प्रगति में विदेशों में बसे भारतीयों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति ने हर भारतीय को वैश्विक मंचों पर सम्मान दिलाया है। आज भारत की उपस्थिति के बिना कोई भी वैश्विक मंच अधूरा समझा जाता है। भारत की विकास दर, स्थिर नेतृत्व और सक्रिय कूटनीति ने उसे वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया है।

तरुण चुघ ने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे भारत की सांस्कृतिक और विकासात्मक यात्रा के दूत बनें और देश के प्रति गर्व की भावना को नई पीढ़ी तक पहुंचाएं। उपस्थित कार्यकर्ताओं और समुदाय के सदस्यों ने 'विकसित भारत 2047' के सपने को साकार करने में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लिया।

Point of View

यह देखने में आ रहा है कि मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति ने आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत रुख अपनाया है। यह न केवल भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है, बल्कि भारतीयों में गर्व की भावना भी जगाता है।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

जीरो टॉलरेंस नीति का क्या अर्थ है?
जीरो टॉलरेंस नीति का अर्थ है आतंकवाद और अपराध के खिलाफ शून्य सहिष्णुता। इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को रोकना है।
मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
मोदी सरकार ने आतंकवाद की फंडिंग को रोकने, सख्त कानून लागू करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
प्रवासी भारतीयों की भूमिका क्या है?
प्रवासी भारतीयों की भूमिका भारत की सांस्कृतिक और विकासात्मक यात्रा में महत्वपूर्ण है। वे भारत की पहचान को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करते हैं।