क्या मोतिहारी में साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ हुआ? पांच गिरफ्तार, 29 लाख रुपए बरामद

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़।
- 29 लाख रुपए से अधिक की बरामदगी।
- पांच लोगों की गिरफ्तारी।
- डिजिटल धोखाधड़ी के मामले में बढ़ोतरी।
- पुलिस की सक्रियता प्रशंसा योग्य।
मोतिहारी, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के नेतृत्व में सोमवार को एक महत्वपूर्ण साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़ हुआ। साइबर सेल ने जिला मुख्यालय मोतिहारी के नगर थाना क्षेत्र में छापेमारी कर इस साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश किया।
जानकारी मिली है कि ये शातिर डिजिटल फ्रॉड के जरिए लाखों की उगाही करते थे। पुलिस ने इनके पास से 29 लाख रुपए से अधिक की नगद राशि, लैपटॉप, मोबाइल, हथियार और दो लग्जरी गाड़ियों को जब्त किया है। इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक बेतिया का निवासी है जबकि बाकी चार मोतिहारी के हैं।
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि गिरोह के सदस्य युवाओं को कमीशन का लालच देकर बैंक में खाते खुलवाते थे और फिर उस खाते में फ्रॉड का पैसा मंगवाते थे। फिर कैश निकालकर ये सदस्य यूएसडीटी में निवेश करते थे। पुलिस ने 29 लाख 29 हजार 680 भारतीय मुद्रा, 99,500 नेपाली मुद्रा, 24 मोबाइल, पैसे गिनने वाली तीन मशीनें, दो देशी रिवॉल्वर, 13 जिंदा कारतूस, दो लग्जरी कार समेत अन्य सामान बरामद किया है।
इनकी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नंबर 8055 होता था, जिसे ये 'बॉस' के रूप में नंबर प्लेट पर दर्शाते थे। एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि गिरोह के बारे में जानकारी मिलने के बाद साइबर सेल पिछले कई महीनों से इन पर नजर रखे हुए थी। गिरोह के खिलाफ लगातार तीन दिनों तक विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई।
साइबर सेल के पुलिस अधीक्षक अभिनव परासर ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान सुमित सौरभ, संजीव कुमार, पप्पू कुमार, सुनील कुमार और दीपांशु कुमार के रूप में हुई है। इस गिरोह द्वारा करोड़ों के ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं। गिरोह ने डिजिटल अरेस्ट और अन्य हथकंडे अपनाकर काफी संपत्ति अर्जित की है।
बताया गया कि इन अपराधियों के पास कई मंजिला बंगला और मकान हैं। पुलिस ने इनकी संपत्ति की जांच शुरू कर दी है। ये लोग फ्रॉड का पैसा क्रिप्टो करेंसी में निवेश करते थे।