क्या मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुंबई में 'महाराष्ट्र मेरीटाइम समिट 2025' का उद्घाटन किया?

सारांश
Key Takeaways
- महाराष्ट्र मेरीटाइम समिट 2025 का आयोजन
- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का उद्घाटन
- समुद्री विकास की दिशा तय करना
- 877 किलोमीटर लंबी तटरेखा
- निवेश और बुनियादी ढांचे का विकास
मुंबई, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई में 16 जुलाई (बुधवार) को महाराष्ट्र मेरीटाइम समिट 2025 का आयोजन हुआ। इस समिट का उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और मत्स्य व्यवसाय एवं बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे भी उपस्थित रहे।
समिट का मुख्य उद्देश्य महाराष्ट्र में सतत, समावेशी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी समुद्री विकास की दिशा निर्धारित करना है। यह आयोजन राज्य के समुद्री क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
महाराष्ट्र, जिसे भारत का ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ कहा जाता है, अपने 720 किलोमीटर लंबे समुद्री तट और ऐतिहासिक बंदरगाहों के लिए मशहूर है। समिट में बंदरगाह विकास, लॉजिस्टिक्स, हरित समुद्री प्रौद्योगिकी और रोजगार सृजन जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने संबोधन में कहा कि यह समिट महाराष्ट्र को समुद्री व्यापार और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सतत विकास और पर्यावरण-अनुकूल नीतियों को प्राथमिकता दे रही है।
इसके बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस मुंबई में चल रहे विधानसभा सत्र के लिए विधान भवन के लिए रवाना हो गए।
महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने महाराष्ट्र समुद्री शिखर सम्मेलन 2025 में बोलते हुए कहा, "877 किलोमीटर लंबी तटरेखा और 15 गैर-प्रमुख कार्गो बंदरगाहों के साथ, महाराष्ट्र रणनीतिक रूप से बंदरगाह-आधारित विकास में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरने की स्थिति में है।"
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने समिट को महाराष्ट्र की आर्थिक प्रगति के लिए एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि मुंबई और राज्य के अन्य बंदरगाह भारत के 95 प्रतिशत से अधिक समुद्री व्यापार को संभालते हैं, और इस समिट से इस क्षेत्र में और वृद्धि होगी।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी समिट की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन राज्य में निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देगा। यह समिट महाराष्ट्र को वैश्विक समुद्री व्यापार में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।