क्या अंक ज्योतिष में मूलांक 7 के लोग बेहद खास होते हैं? जानिए उनका व्यक्तित्व और स्वभाव
सारांश
Key Takeaways
- मूलांक 7 वाले लोग अनोखे और रचनात्मक होते हैं।
- इनकी रुचि कला और रहस्यमय विषयों में होती है।
- ये आर्थिक रूप से मेहनती होते हैं, लेकिन पैसे बचाने में असफल।
- इनका स्वास्थ्य मानसिक तनाव और आंखों की कमजोरी से प्रभावित हो सकता है।
- शादी के बाद इनका वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंक ज्योतिष के अनुसार, जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को हुआ हो, उनका मूलांक 7 होता है। इस अंक का स्वामी ग्रह केतु माना जाता है। मूलांक 7 वाले लोग स्वभाव से काफी अलग और अनोखी सोच वाले होते हैं।
इनमें मौलिकता, स्वतंत्र विचार और असाधारण व्यक्तित्व साफ दिखाई देता है। ये लोग हमेशा कुछ न कुछ सोचते, सीखते और नए बदलाव की तलाश में रहते हैं। इनका व्यक्तित्व रचनात्मक और कल्पनाशील होता है। ये लोग अपनी बात निडर होकर कह देते हैं और इनमें आत्मविश्वास भरपूर होता है, लेकिन कभी-कभी छोटी-सी बात पर भी चिड़चिड़े हो जाते हैं और बेकार की चिंता कर बैठते हैं।
शिक्षा के मामले में, मूलांक 7 वालों की रुचि कला और रहस्यमय विषयों में ज्यादा होती है। शुरुआती शिक्षा कभी-कभी बहुत अच्छी नहीं होती, लेकिन समय के साथ ये सुधार करते हुए आगे बढ़ते हैं। कुछ परीक्षाओं में असफलता मिलने पर ये निराश नहीं होते बल्कि उससे सीखते हैं। अक्सर ये धार्मिक, दार्शनिक या आध्यात्मिक ग्रंथों में अधिक रुचि रखते हैं।
आर्थिक स्थिति की बात करें तो ये लोग अपनी मेहनत के दम पर पैसा कमाते हैं, लेकिन उसे बचा नहीं पाते। इनके खर्च बहुत नियंत्रित होते हैं, लेकिन दान-पुण्य में ये काफी उदार होते हैं। इसी वजह से इनकी आर्थिक स्थिति सामान्य ही रहती है।
ये लोग अपने भाई-बहनों के साथ अच्छे रिश्ते रखते हैं और जीवनभर लेन-देन व सहयोग बना रहता है। इनकी दोस्ती आमतौर पर बुद्धिमान और विचारशील लोगों से होती है, लेकिन ये संबंध बहुत लंबे समय तक टिकें, यह जरूरी नहीं। प्रेम संबंधों में भी ये थोड़े गंभीर स्वभाव के होते हैं, इसलिए रिश्ते कभी-कभी टिक नहीं पाते। लेकिन शादी के बाद इनका वैवाहिक जीवन सामान्यतः सुखी रहता है।
करियर में मूलांक 7 वाले लेखक, कवि, दार्शनिक, अध्यापक, डॉक्टर, जज, ज्योतिषी या सरकारी अधिकारी के रूप में अच्छा नाम कमा सकते हैं।
स्वास्थ्य के मामले में इन्हें मानसिक तनाव, पाचन संबंधी समस्या, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव, त्वचा रोग और आंखों की कमजोरी जैसी दिक्कतें रहने की संभावना होती है।