क्या थाई व्यवसायी ने मॉल प्रबंधन और पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए?

सारांश
Key Takeaways
- अजरा सियामवाला ने मॉल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पुलिस और मॉल प्रबंधन में मिलीभगत का आरोप।
- थाई दूतावास ने मामले में हस्तक्षेप किया।
- अजरा और उनकी बेटी को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।
- न्याय की मांग को लेकर पुलिस कमिश्नर से शिकायत की गई है।
नोएडा, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। थाई नागरिक और एथनिक परिधान व्यवसायी अजरा सियामवाला ने नोएडा के सेक्टर-75 में स्थित स्पेक्ट्रम मॉल के प्रबंधन और कुछ पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाना सेक्टर 113 में एफआईआर दर्ज कराई है।
अजरा का आरोप है कि मॉल प्रबंधन ने अवैध रूप से ब्रोकरेज फीस वसूलने का दबाव बनाया और फीस न देने पर उन्हें और उनकी बेटी को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। थाई मूल की अजरा सियामवाला और उनकी बेटी शिमोना सियामवाला पिछले छह वर्षों से वैध ओसीआई कार्ड के माध्यम से भारत में निवास कर रही हैं।
अजरा ने बताया कि उन्होंने स्पेक्ट्रम मॉल में पिछले 5 महीनों से ‘एथनिक’ नामक तीन दुकानों का संचालन किया था। आरोप है कि मॉल ऑपरेशन इंचार्ज अमित त्यागी ने उनसे अवैध रूप से 1.5 लाख की ब्रोकरेज फीस मांगी। जब उन्होंने देने से मना किया, तो मॉल प्रबंधन ने उनकी दुकानों को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया और उन्हें धमकी देना शुरू कर दिया।
अजरा का कहना है कि मॉल प्रबंधन के अमित त्यागी, राहुल त्रिपाठी, राज डागर, विनीत जाजोदिया और गौरव अरोड़ा ने उन्हें बदनाम करने के लिए आपत्तिजनक वीडियो बनाए और उन्हें लीक करने की धमकी दी। आरोप है कि इन वीडियो को मकान मालिकों और अन्य व्यापारियों तक पहुंचाया गया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।
अजरा की बेटी शिमोना ने भी पुलिस पर उत्पीड़न और गलत तरीके से गिरफ्तारी की कोशिशों के आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि एक मामूली विवाद के बाद सेक्टर 113 थाना पुलिस ने उनकी दुकान पर ताला लगा दिया और उन्हें थाने ले जाकर अपमानित किया गया। बाद में बिना उचित सबूत के उन पर धारा 115(2), 351(2) और 352 के तहत केस दर्ज कर न्यायिक हिरासत मांगी गई। हालांकि, अदालत ने उन्हें 9 जुलाई को जमानत दे दी।
थाई दूतावास ने पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा और उचित कार्रवाई की मांग की। दूतावास की सिफारिश के बाद ही एफआईआर दर्ज हो सकी। पीड़ित पक्ष का कहना है कि मॉल प्रबंधन और स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है। शिमोना ने बताया कि मॉल स्टाफ और पुलिस मिलकर उन्हें झूठे मामलों में फंसा रहे हैं, दुकान बंद करवा रहे हैं, सीसीटीवी फुटेज के नाम पर ब्लैकमेल कर रहे हैं और उन्हें जबरन मॉल छोड़ने पर मजबूर कर रहे हैं।
अजरा और शिमोना ने नोएडा पुलिस कमिश्नर से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी जान का खतरा है और पुलिस विभाग का दुरुपयोग कर उन्हें फंसाने की साजिश की जा रही है।