क्या एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में वापसी की, फ्रांस रहा सबसे आगे?

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क्या एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में वापसी की, फ्रांस रहा सबसे आगे?

सारांश

अक्टूबर में एफपीआई की वापसी से भारतीय शेयर बाजार में हलचल मच गई है। जानिए कैसे फ्रांस, अमेरिका और जर्मनी ने किया भारतीय शेयरों में निवेश। क्या यह बदलाव दीर्घकालिक है?

Key Takeaways

  • एफपीआई की वापसी ने भारतीय शेयर बाजार में नया उत्साह पैदा किया है।
  • फ्रांस ने सबसे अधिक निवेश किया है, जो कि 2.58 अरब डॉलर है।
  • अगले महीनों में बाजार की स्थिरता की उम्मीद है।
  • मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग ने एफपीआई को आकर्षित किया।
  • सिंगापुर की स्थिति ने नेट पॉजिशन को सकारात्मक रखा है।

मुंबई, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में अपनी जोरदार वापसी की है, जो कि पिछले तीन महीनों की लगातार बिकवाली के बाद एक महत्वपूर्ण बदलाव है।

फ्रांस इस मामले में सबसे आगे रहा है, जिसने भारतीय शेयरों में 2.58 अरब डॉलर का निवेश किया और 152 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया है।

अक्टूबर में एफपीआई द्वारा भारतीय शेयरों में कुल 1.66 अरब डॉलर का निवेश किया गया, जबकि इससे पहले सितंबर में 2.7 अरब डॉलर की बिकवाली की गई थी।

फ्रांस के अलावा, अमेरिका और जर्मनी ने भी भारतीय शेयरों में निवेश किया है। इन दोनों देशों ने भारतीय शेयरों में 520 मिलियन डॉलर का निवेश किया।

अमेरिका ने डेट इंस्ट्रूमेंट में 765 मिलियन डॉलर और जर्मनी ने 309 मिलियन डॉलर का निवेश किया।

कुछ अन्य देशों ने भी भारतीय शेयर बाजारों की ओर सकारात्मक रुख दिखाया है। आयरलैंड ने 400 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 138 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया। मलेशिया ने 342 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 68 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया।

हांग कांग ने भारतीय इक्विटी में 177 मिलियन डॉलर का निवेश किया और डेनमार्क और नॉर्वे ने भी करीब 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया।

एफपीआई की इस खरीदारी के पीछे मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग, यूएस फेडरल द्वारा ब्याज दरों में कटौती, और भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार वार्ता जैसे कारक रहे हैं।

हालांकि, सिंगापुर ने इस महीने इक्विटी से 98 मिलियन डॉलर की बिकवाली की है, जबकि डेट मार्केट में 260 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। इससे सिंगापुर की नेट पॉजिशन सकारात्मक रही है। इसके अतिरिक्त, अन्य देशों से 3 अरब डॉलर की बिकवाली हुई है।

विदेशी निवेशकों की वापसी के साथ, अक्टूबर में भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी ने 4.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की।

Point of View

हम यह देख सकते हैं कि एफपीआई की वापसी भारतीय आर्थिक परिदृश्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों में विश्वास कर रहे हैं, जो दीर्घकालिक विकास की ओर इंगित करता है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

एफपीआई का क्या मतलब है?
एफपीआई का मतलब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक है, जो विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार में निवेश को दर्शाता है।
कौन सा देश अक्टूबर में सबसे ज्यादा निवेश किया?
फ्रांस ने अक्टूबर में भारतीय शेयरों में सबसे ज्यादा निवेश किया, जो कि 2.58 अरब डॉलर था।
अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार में कितनी बढ़त हुई?
अक्टूबर में भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी ने 4.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की।
एफपीआई की वापसी के पीछे क्या कारण हैं?
एफपीआई की वापसी के पीछे मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग, ब्याज दरों में कटौती और संभावित व्यापार वार्ता जैसे कारक हैं।
क्या सिंगापुर ने भी भारतीय शेयरों में निवेश किया?
सिंगापुर ने इस महीने इक्विटी से 98 मिलियन डॉलर की बिकवाली की, हालांकि डेट मार्केट में 260 मिलियन डॉलर का निवेश किया।