क्या ओडिशा सरकार ने आधिकारिक संचार में 'हरिजन' शब्द पर प्रतिबंध लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा सरकार ने 'हरिजन' शब्द पर प्रतिबंध लगाया।
- आधिकारिक दस्तावेजों में 'अनुसूचित जाति' शब्द का उपयोग अनिवार्य।
- जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया गया।
भुवनेश्वर, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी शासित ओडिशा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आधिकारिक संचार (ऑफिशियल कम्युनिकेशन) में 'हरिजन' शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।
ओडिशा सरकार ने सभी विभागों और सार्वजनिक संस्थानों को निर्देशित किया है कि वे आधिकारिक संचार, अभिलेखों और दस्तावेजों में 'हरिजन' शब्द का उपयोग बंद करें। अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में, अधिकारियों को केवल संवैधानिक शब्द 'अनुसूचित जाति' का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।
इस निर्देश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 'हरिजन' शब्द का प्रयोग अब किसी भी रूप में, जाति प्रमाण पत्र, प्रकाशन या विभागीय नामकरण सहित, न किया जाए। इस आदेश में अंग्रेजी में 'अनुसूचित जाति' शब्द के उपयोग और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत मान्यता प्राप्त उड़िया और अन्य भाषाओं में इसके उचित अनुवाद को अनिवार्य किया गया है।
सभी विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों को इन निर्देशों का पालन करना आवश्यक है और कर्मचारियों एवं अधिकारियों को इसके बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। विभागों को अपने मौजूदा दस्तावेजों को इन दिशानिर्देशों के अनुसार समायोजित करना होगा और अनुपालन रिपोर्ट विभाग को प्रस्तुत करनी होगी।
इस निर्देश में एसटी और एससी विकास विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार और ओएचआरसी के केस के आदेशों का संदर्भ दिया गया है। इसमें कहा गया है कि आधिकारिक संचार, लेनदेन, जाति प्रमाण पत्र और अन्यथा में अनुसूचित जातियों के संबंध में 'हरिजन' शब्द का उपयोग न करने के संबंध में जारी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।