क्या पश्चिम बंगाल में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है?

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क्या पश्चिम बंगाल में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है?

सारांश

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने महिलाओं के अधिकारों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की एक हालिया सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी और ममता बनर्जी सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की। यह मामला न केवल न्याय की आवश्यकता को दर्शाता है बल्कि समाज में मानवता की भी परीक्षा है।

Key Takeaways

  • महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना समाज की जिम्मेदारी है।
  • सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।
  • मानवता को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • राजनीति से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है।
  • सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है।

लखनऊ, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने महिलाओं के अधिकारों और उनके प्रति होने वाले अपराधों पर सख्त रुख अपनाते हुए समाज में धैर्य और मानवता को बढ़ावा देने की अपील की है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई एक कथित सामूहिक बलात्कार की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और वहां की ममता बनर्जी सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की।

अपर्णा यादव ने शनिवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि ऐसी घटनाएं मन को पीड़ा देती हैं और इन पर राजनीति करने की बजाय मानवता पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने पश्चिम बंगाल में हाल की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक छात्रा के साथ हुए अपराध के दौरान वहां मौजूद गार्ड ने मदद नहीं की, जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या वह गार्ड पुरुष नहीं था? उसने मदद क्यों नहीं की?”

अपर्णा यादव ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद ऐसी घटनाएं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे संवेदनशील मामलों पर बयानबाजी से बचना चाहिए। मैं बंगाल की जनता से ऐसी सरकार हटाने की अपील करती हूं, जो राज्य की महिलाओं को न्याय देने में विफल साबित हुई है।

उन्होंने उस पीड़ित लड़की की हिम्मत की सराहना की, जो इतने बड़े अपराध के बाद भी अपनी आवाज उठाने में सफल रही है। उन्होंने कहा, “मैं उस लड़की और उसके माता-पिता को सलाम करती हूं, जिन्होंने उसे इतना साहस दिया। वह उन महिलाओं की आवाज बन रही है, जिनकी आवाज बंगाल की गलियों में दबा दी जाती है। इस मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और ममता सरकार को इस पर चुप्पी तोड़नी चाहिए। हमें विश्वास है कि पीड़िता को जल्द न्याय मिलेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग का दायित्व केवल महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना ही नहीं, बल्कि पुरुषों के साथ होने वाले अन्याय को भी उजागर करना है। आयोग के पास ऐसे मामले भी आते हैं, जहां पुरुष सही होते हैं और महिला गलत। आयोग निष्पक्षता से काम करता है। उन्होंने कहा कि वह इस बात का ध्यान रखती हैं कि कभी भी किसी के भी अधिकारों का हनन न हो।

अपर्णा यादव ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर समाज को मानवीय आधार पर काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में सकारात्मक माहौल है। हमें जनता के प्रति संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए।

Point of View

बल्कि यह उस व्यवस्था की विफलता को भी दर्शाती है जो महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेती है। हमें इस मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर सोचने की आवश्यकता है और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

पश्चिम बंगाल में सामूहिक दुष्कर्म की घटना से क्या सबक मिलता है?
यह घटना हमें यह सिखाती है कि समाज को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।
क्या ममता बनर्जी सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई कर रही है?
इस मामले में उचित कार्रवाई की आवश्यकता है और जनता को यह सुनिश्चित करने के लिए आवाज उठानी चाहिए कि न्याय मिले।