क्या पटना में शिवाजी महाराज की 'स्टैच्यू ऑफ गवर्नेंस' की स्थापना के लिए रैली आयोजित होगी?

सारांश
Key Takeaways
- पटना में रैली आयोजित की जाएगी।
- छत्रपति शिवाजी महाराज के मूल्यों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- किसानों के हितों की रक्षा की जाएगी।
- यह रैली समाजिक समरसता का प्रतीक है।
- गगनचुंबी प्रतिमा की स्थापना का संकल्प लिया जाएगा।
पटना, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता, प्रशासनिक दक्षता और किसान हित की नीतियों का प्रतीक 'स्टैच्यू ऑफ गवर्नेंस' स्थापित करने की मांग को लेकर राजधानी पटना के मरीन ड्राइव पर रविवार को छत्रपति शिवाजी महाराज सामाजिक समरसता अभियान के अंतर्गत एक रैली का आयोजन किया जाएगा।
इस अभियान के संयोजक और समाजसेवी प्रणव प्रकाश के नेतृत्व में आयोजित होने वाली इस रैली का उद्देश्य केवल प्रतिमा स्थापना की मांग नहीं है, बल्कि यह भारत के स्वाभिमान, सुशासन और किसानों की प्रतिष्ठा के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज के मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प भी है।
संयोजक प्रणव प्रकाश ने शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापना का अभियान पिछले चार वर्षों से जारी है और 20 अप्रैल को बिहारशरीफ के श्रम कल्याण मैदान में लगभग 30 हजार समर्थकों ने एक साथ यह संकल्प लिया था। इसी क्रम में 29 जून को पटना के दीघाघाट के निकट शिवाजी के हजारों समर्थकों का जुटान होगा और मां गंगा के सामने संकल्प लिया जाएगा ताकि गगनचुंबी प्रतिमा की स्थापना संभव हो सके।
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज केवल एक योद्धा नहीं, बल्कि एक कुशल प्रशासक और लोक कल्याणकारी राजा थे। आज के भारत में सुशासन की जो परिकल्पना की जाती है, उसकी नींव शिवाजी महाराज ने 17वीं शताब्दी में रखी थी।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के लिए शिवाजी महाराज की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने किसानों को भूमि का अधिकार, सिंचाई की सुविधा, फसल की सुरक्षा और करों में रियायत दी। शिवाजी महाराज का मानना था कि राज्य की समृद्धि का आधार किसान है और इसी सोच से उन्होंने किसानों को राज्य की रीढ़ बनाया। यह प्रतीकात्मक प्रतिमा केवल एक ऐतिहासिक व्यक्तित्व की स्मृति नहीं, बल्कि आज के भारत के लिए, जहां सुशासन, आत्मनिर्भरता और किसान हित सर्वोपरि हैं, एक प्रेरणास्रोत भी बनेगी।