क्या प्रयागराज की महिलाएं गाय के गोबर से मूर्तियां बना रही हैं?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाएं गाय के गोबर से मूर्तियां बना रही हैं।
- यह पहल पर्यावरण के अनुकूल है।
- महिलाएं अपने आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही हैं।
- सावन के महीने में धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है।
- महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रयागराज, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सावन के पवित्र महीने में भगवान शंकर और माता पार्वती की मूर्तियां बनाने का कार्य समूह की महिलाएं कर रही हैं। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक पहल है, जो सावन के महीने में विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह महीना भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित है।
महिलाएं मिट्टी, गाय के गोबर और अन्य सामग्रियों से इन मूर्तियों का निर्माण कर रही हैं। इनकी बाजार में मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे समूह की महिलाओं को अच्छी आमदनी हो रही है।
महिलाओं का कहना है कि जब से वे केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं से जुड़ी हैं, उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। वे अब सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो गई हैं। वे महिला सशक्तीकरण की दिशा में पीएम मोदी द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत कर रही हैं। सावन के इस पवित्र महीने में, वे ईश्वर से प्रार्थना करती हैं कि पीएम मोदी दीर्घायु हों और देश की सेवा करते रहें।
वर्तिका नाम की एक महिला ने कहा कि वे गाय के गोबर से दीपक, मूर्तियां और सजावट के सामान बनाती हैं। तीज महोत्सव के अवसर पर वे विशेष रूप से मूर्तियों का निर्माण कर रही हैं। पहले वे मिट्टी से मूर्तियां बनाती थीं, लेकिन अब गाय के गोबर से मूर्तियां बनाने का प्रयास कर रही हैं। यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और गोबर से मूर्तियां बनाने का मुख्य उद्देश्य गंगा को प्रदूषण मुक्त करना है।
काजोल ने बताया कि वे गाय के गोबर से दीपक और मूर्तियां बना रही हैं। गणेश उत्सव के संदर्भ में भी वे मूर्तियां बना रही हैं। पीएम मोदी द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के कई प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाएं अब समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे आ रही हैं।