क्या राहुल गांधी शुभांशु शुक्ला के लिए विशेष सत्र में शामिल नहीं हुए? उदित राज ने बताई वजह

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर चर्चा हुई।
- उदित राज ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए।
- लोकतंत्र के सिद्धांतों की रक्षा की आवश्यकता है।
- आरएसएस की ऐतिहासिक भूमिका पर सवाल उठाए गए।
- मतदाता सूची पुनरीक्षण पर केंद्र की नाकामी।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र आयोजित किया था। हालांकि, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसमें शामिल नहीं हुए। कांग्रेस नेता उदित राज ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि एक दिन यह सरकार संसद के ‘विशेष सत्र’ का अर्थ ही बदल देगी। इस देश में अनेक गंभीर समस्याएँ हैं, लेकिन उन पर चर्चा करने के लिए अभी तक संसद का कोई विशेष सत्र नहीं बुलाई गई है।
उन्होंने आगे बताया कि राहुल गांधी इस समय 'वोट अधिकार यात्रा' पर हैं। केंद्र सरकार वोटों की चोरी करने के प्रयास में लगी हुई है। यह सरकार लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को लगातार नजरअंदाज कर रही है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता। राहुल गांधी इन समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ी आलोचना कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर भी एक बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 1942 में अंग्रेजों ने सेना भर्ती के कैंप लगाए थे, और यदि किसी ने वॉलिंटियर्स की भूमिका निभाई थी, तो वे आरएसएस के लोग ही थे। आज जब देश स्वतंत्र है, तो ये लोग खुद को देशभक्त बताने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि इनके पास कोई और विकल्प नहीं है।
उदित राज ने यह भी कहा कि 1938 में आरएसएस ने 'टू नेशन थ्योरी' का समर्थन किया था। मेरा हमेशा से आरएसएस से सवाल रहता है कि इन लोगों ने 'टू नेशन थ्योरी' का विरोध क्यों किया था?
उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर भी चर्चा की और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार की विफलता है कि वह अब तक जनगणना नहीं करा पाई। ऐसी स्थिति में, आप इनसे जनगणना की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? अब केंद्र सरकार बिहार के अलावा अन्य राज्यों में मतदाता सूची को जस्टिफाई करने की बात कर रही है, लेकिन इनका असली मकसद बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण कराकर वहां की राजनीतिक स्थिति को अपने पक्ष में करना है।