क्या बिहार में 'वोट अधिकार यात्रा' शुरू करने से पहले राहुल गांधी ने दशरथ मांझी के संघर्ष को प्रेरणा माना?

सारांश
Key Takeaways
- दशरथ मांझी का संघर्ष प्रेरणा का स्रोत है।
- राहुल गांधी ने राजनीतिक अधिकारों की रक्षा का संकल्प लिया है।
- यात्रा में 20 जिलों का दौरा किया जाएगा।
- यह यात्रा लोकतंत्र की सच्ची राह बनाने का प्रयास है।
- 8 करोड़ मतदाताओं के हक के लिए संघर्ष किया जाएगा।
नई दिल्ली/पटना, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बिहार में अपनी यात्रा की शुरुआत से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को याद किया है। रविवार को, उन्होंने मांझी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका संघर्ष हमें यह सिखाता है कि जब इरादे मजबूत होते हैं, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "माउंटेन मैन दशरथ मांझी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनका संघर्ष हमें याद दिलाता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। उनकी जिद और जज्बा हम सबको हमेशा प्रेरित करता रहेगा।"
राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी राहुल गांधी के शब्दों को दोहराया है। उन्होंने राहुल गांधी की पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए दशरथ मांझी को श्रद्धांजलि दी।
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने भी दशरथ मांझी को याद किया। उन्होंने लिखा, "माउंटेन मैन दशरथ मांझी को पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन और श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। अपने अटूट संकल्प और अथक परिश्रम से मांझी ने वह कार्य संभव कर दिखाया, जिसे असंभव माना जाता था।"
राजेश राम ने आगे कहा, "रविवार को, राहुल गांधी के नेतृत्व में जब हम 'वोटर अधिकार यात्रा' के माध्यम से बिहार के 8 करोड़ मतदाताओं के हक की लड़ाई लड़ने निकल रहे हैं, तो मैं मांझी जी के चरणों में शीश नवाकर संकल्प लेता हूं कि इस संघर्ष को अंत तक पहुंचाऊंगा।"
उन्होंने अंत में कहा, "महानायक मांझी की पुण्यतिथि पर मैं अपने सभी बिहारवासी- दलित, पिछड़े, आदिवासी, वंचित, महिला, अल्पसंख्यक और युवा साथियों को विश्वास दिलाता हूं कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी आपके हक और अधिकार की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक संघर्षरत रहेगी।"
गौरतलब है कि राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार में 'वोट अधिकार यात्रा' की शुरुआत करने जा रहे हैं। 16 दिन की यह यात्रा लगभग 20 जिलों से होकर गुजरेगी और 1,300 किमी का सफर तय करेगी। एक सितंबर को पटना में बड़ी रैली के साथ यात्रा का समापन होगा।