क्या छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सुरक्षा बलों को देखकर जंगल में भागे नक्सली?

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क्या छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सुरक्षा बलों को देखकर जंगल में भागे नक्सली?

सारांश

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हाल ही में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान में नक्सलियों के सामग्रियों की बरामदगी हुई। इस दौरान हुई मुठभेड़ में एक पुलिस अधिकारी शहीद हो गए और नक्सलियों की घेराबंदी के लिए ऑपरेशन को तेज किया गया।

Key Takeaways

  • राजनांदगांव में नक्सल विरोधी अभियान चल रहा है।
  • सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद की।
  • एक पुलिस अधिकारी इस मुठभेड़ में शहीद हुए हैं।
  • नक्सलियों की गंभीर स्थिति की आशंका है।
  • अगले दिनों में अभियान जारी रहेगा।

राजनांदगांव, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में नक्सल विरोधी अभियान चलाया गया है। इस मुहिम के दौरान सुरक्षा बलों ने कई नक्सली सामग्री बरामद की।

बोरतलाव थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कौहापानी के पहाड़ी जंगल क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान नक्सलियों की सामग्रियों की बरामदगी की गई। नक्सलियों की उपस्थिति की जानकारी प्राप्त होने पर जिला बालाघाट (मध्य प्रदेश), जिला गोंदिया (महाराष्ट्र), जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई एवं जिला राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) की संयुक्त पुलिस पार्टी को नक्सल विरोधी अभियान के लिए तैयार किया गया था।

सर्चिंग के दौरान पुलिसकर्मियों एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें जिला बालाघाट के निरीक्षक आशीष शर्मा गोली लगने से शहीद हो गए। मुठभेड़ के बाद नक्सलियों की घेराबंदी के लिए अभियान को और तेजी से चलाया गया। लगभग 300 अतिरिक्त बल को ऑपरेशन में शामिल करते हुए लगातार 3-4 दिनों तक सघन सर्चिंग की गई। इस ऑपरेशन के द्वितीय चरण में एसटीएफ छत्तीसगढ़, डीआरजी राजनांदगांव, तथा डीआरजी मोहला-मानपुर की प्रमुख भागीदारी रही।

सर्चिंग पार्टी ने 22 नवंबर को नक्सलियों के डेरे तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की, जहां पुलिस को देखकर नक्सली अपने सामान को छोड़कर जंगल की ओर भाग निकले। घटनास्थल से बड़ी मात्रा में दैनिक उपयोग की सामग्री एवं नक्सली सामग्री बरामद की गई, जिनमें नक्सलियों की वर्दी, पिट्ठू बैग, लिखे हुए दस्तावेज एवं डायरियां, वर्दियां, सोलर पैनल एवं चार्जिंग सेट्स, खाना बनाने के बर्तन, टेंट, तिरपाल, वॉकी-टॉकी सेट, विस्फोटक सामग्री और राशन सामग्री शामिल हैं।

मुठभेड़ स्थल से कुछ दूरी पर खून के धब्बे पाए गए, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि इस मुठभेड़ में कम से कम 3 नक्सली गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें एक की स्थिति अत्यंत गंभीर बताई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, घायल नक्सलियों के उपचार के लिए नक्सली दस्ता स्थानीय ग्रामीणों से दवाई एवं डॉक्टर की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहा था, किंतु ग्रामीणों ने इसका विरोध किया एवं सहयोग करने से इनकार किया। इस अभियान में एसटीएफ बघेरा की 6 पार्टियां, डीआरजी मोहला तथा डीआरजी राजनांदगांव की पार्टियां सम्मिलित रहीं। सर्चिंग के दौरान नक्सलियों द्वारा छोड़ी गई सभी सामग्री को जब्त किया गया है। आने वाले दिनों में भी एसटीएफ एवं जिला बल, पड़ोसी राज्यों के बल के द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए सघन नक्सल विरोधी अभियान निरंतर जारी रहेगा।

Point of View

यह अभियान देश की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

राजनांदगांव में नक्सलियों के खिलाफ अभियान कब शुरू हुआ?
यह अभियान 22 नवंबर 2023 को शुरू हुआ।
इस मुठभेड़ में कितने पुलिस कर्मी शहीद हुए?
इस मुठभेड़ में एक पुलिस अधिकारी, निरीक्षक आशीष शर्मा शहीद हुए।
नक्सलियों से क्या सामग्री बरामद की गई?
नक्सलियों के डेरे से वर्दी, बैग, दस्तावेज, राशन सामग्री और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई।
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