क्या सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हो सकते हैं? संजय उपाध्याय

सारांश
Key Takeaways
- समान नागरिक संहिता की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
- प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता व्यक्त की गई है।
- कबूतरों के प्रति भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई गई है।
- तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ सख्त स्थिति अपनाई गई है।
- राहुल गांधी की राजनीतिक स्थिति पर सवाल उठाए गए हैं।
मुंबई, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक संजय उपाध्याय ने बुधवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कबूतर को दाना डालने पर प्रतिबंध लगाने सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
संजय उपाध्याय ने कहा कि हमारे सनातन धर्म में हर भगवान को किसी पक्षी या जानवर से जोड़ा गया है, और यह उनकी सवारी मानी जाती है। इसलिए, किसी विशेष पक्षी या जानवर पर सवाल उठाना उचित नहीं है। हमारा सनातन विचार प्रकृति से जुड़ा है। हमें एक-दूसरे का पूरक मानना चाहिए। अगर कबूतर से कोई खतरा है, तो इस पर वैज्ञानिक चर्चा होनी चाहिए। बिना कारण के कबूतर पर गुस्सा निकालना उचित नहीं है।
उन्होंने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना को अत्यंत दुखद बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना शब्दों में नहीं कह सकते। इस प्राकृतिक विपदा में जान गंवाने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर जानकारी ली है और एनडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ करते हैं, तो हमें उसके रौद्र रूप का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) के समर्थन में अपनी बात रखी, यह कहकर कि भाजपा इसकी स्थापना से ही इसके पक्ष में रही है। अगर गुजरात इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है, तो हम इसका स्वागत करते हैं।
उन्होंने देश में यूसीसी लागू करने की मांग की ताकि सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हों। किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए और तुष्टिकरण की राजनीति का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अभी तक कोई भी उन्हें समझ नहीं पाया, यहां तक कि उनकी खुद की पार्टी भी। न्यायपालिका ने उनकी मानसिक स्थिति का सही विश्लेषण किया है।