क्या संविधान में सामाजिक न्याय और भाईचारे की विचारधारा की रक्षा आवश्यक है? : शक्ति सिंह गोहिल

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क्या संविधान में सामाजिक न्याय और भाईचारे की विचारधारा की रक्षा आवश्यक है? : शक्ति सिंह गोहिल

सारांश

क्या संविधान में सामाजिक न्याय और भाईचारे की विचारधारा की रक्षा आवश्यक है? शक्ति सिंह गोहिल ने इस पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं। आइए जानें कि उन्होंने क्या कहा और क्यों यह विषय आज के समय में महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • संविधान में सामाजिक न्याय और समानता की आवश्यकता है।
  • जाति, धर्म और भाषा के आधार पर विभाजन नहीं होना चाहिए।
  • मध्यम वर्ग की स्थिति चिंताजनक है।
  • चुनाव आयोग की पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए।
  • कांग्रेस पार्टी संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में कांग्रेस के कानून, मानवाधिकार और सूचना का अधिकार विभाग द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन’ में राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने भाग लिया।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने बताया कि देश की वर्तमान स्थिति और संविधान, विशेषकर प्रस्तावना की कुछ बातें, इस सम्मेलन का केंद्र बिंदु थीं। संविधान और कानून की दृष्टि से सभी को समान माना गया है। जाति, प्रांत, भाषा या धर्म के आधार पर विभाजन की अनुमति नहीं होनी चाहिए। हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का समान अवसर मिलना चाहिए, यही हमारे संविधान की मूल भावना है। आज हमने विभिन्न पैनल के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की।

उन्होंने आगे कहा कि यदि आप किसी गरीब से पूछें कि पिछले 11 वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है या नहीं, तो उनकी आमदनी और महंगाई के संदर्भ में क्या बदलाव आया है, यह सबसे बड़ा सवाल है। आज मध्यम वर्ग की हालत सबसे खराब है। कुछ व्यक्तियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, जबकि गरीब लोग बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहे हैं।

शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि हमारे देश का संविधान भी सामाजिक न्याय, समानता और भाईचारे की विचारधारा पर आधारित है। वर्तमान केंद्र सरकार संविधान को तोड़ने का प्रयास कर रही है, जबकि राहुल गांधी संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। उन्होंने 'भारत जोड़ो यात्रा' के माध्यम से समानता और भाईचारे का संदेश फैलाया। आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी का हर कार्यकर्ता संविधान की रक्षा की लड़ाई में लगा हुआ है। हम अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे और हर स्थिति में संविधान की रक्षा करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे देश के चुनाव आयोग की दुनियाभर में सराहना होती है। संविधान के अनुसार हमारे देश में चुनाव आयोग का गठन हुआ और यह एक पारदर्शी संस्था थी, लेकिन अब इसे लेकर संदेह उत्पन्न होने लगा है। यह सरकार चुनाव आयोग को अपने अनुसार संचालित करना चाहती है, जो पूरी तरह गलत है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम संविधान की मूल भावना का सम्मान करें। शक्ति सिंह गोहिल का यह संदेश हमें याद दिलाता है कि समाज में समानता और भाईचारा बनाए रखना आवश्यक है। हर नागरिक को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

शक्ति सिंह गोहिल ने किस सम्मेलन में भाग लिया?
उन्होंने 'राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन' में भाग लिया, जो विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित हुआ।
क्या संविधान में सामाजिक न्याय की आवश्यकता है?
जी हां, संविधान में सामाजिक न्याय और समानता की विचारधारा को बनाए रखना आवश्यक है।
कौन से मुद्दों पर चर्चा की गई?
सम्मेलन में जाति, प्रांत, भाषा और धर्म के आधार पर विभाजन के मुद्दों पर चर्चा की गई।
केंद्र सरकार पर गोहिल ने क्या आरोप लगाया?
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार संविधान को तोड़ने का प्रयास कर रही है।
राहुल गांधी की यात्रा का उद्देश्य क्या था?
राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के माध्यम से समानता और भाईचारे का संदेश फैलाया।