क्या श्री राम के चरित्र से हम देश को आगे ले जा सकते हैं? सीएम रेखा गुप्ता

सारांश
Key Takeaways
- रामायण से साहस और धैर्य की शिक्षा मिलती है।
- युवा पीढ़ी को रामायण से प्रेरणा लेनी चाहिए।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का महत्व हमारे समाज में बढ़ता जा रहा है।
- श्री राम का चरित्र हमें जीवन में मार्गदर्शन करता है।
- जेन-जी को भारत को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में बुधवार को सक्षम फाउंडेशन द्वारा संपूर्ण रामायण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि रामायण हमारे जीवन का शाश्वत दर्पण है। यह हमें सिखाती है कि संकट के समय में साहस, विपरीत परिस्थितियों में धैर्य और अन्याय के खिलाफ धर्म पर अडिग रहना ही सच्चा जीवन पथ है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज भारत मंडपम में सक्षम फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रभु श्रीराम की अमर परंपरा का अनुभव किया और युवा पीढ़ी की गहन आस्था और प्रेम का गवाह बनी। इस अवसर पर सांसद बांसुरी स्वराज भी उपस्थित रहीं।
रेखा गुप्ता ने कहा कि रामलीला को दर्शक केवल मनोरंजन के लिए न देखें, बल्कि इससे जीवन की सीख लें। विशेष रूप से, उन्होंने भारत के जेन-जी को यह संदेश दिया कि वे रामायण से बहुत कुछ सीख सकते हैं।
उन्होंने कहा, "आज पूरा भारत राममय हो गया है। नवरात्रि के दिनों में प्रभु राम की महिमा गाई जाती है। हर गली-मोहल्ले में प्रभु राम के गीत और लीला का मंचन होता है। संपूर्ण रामायण के माध्यम से आज की जनरेशन में राम चरित्र को नए तरीके से प्रस्तुत करना एक अनूठा प्रयास है।"
उन्होंने कहा कि जेन-जी अब अपने नए विजन और नवाचार के साथ भारत को आगे बढ़ाने वाली है। इस प्रकार, श्री राम के चरित्र को समाज तक पहुंचाना एक महत्वपूर्ण कार्य है।