क्या हावड़ा लाठीचार्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 6 पुलिस अधिकारियों को राहत दी?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने 6 पुलिस अधिकारियों को राहत दी।
- हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई गई।
- विवाद 2019 में शुरू हुआ था।
- अगली सुनवाई 6 हफ्तों के भीतर होगी।
- पुलिस और वकीलों के बीच संघर्ष गंभीर परिणाम लेकर आया।
नई दिल्ली/हावड़ा, 16 जून (राष्ट्र प्रेस) । पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के अदालत परिसर में हुए पुलिस लाठीचार्ज मामले में 6 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से अस्थायी राहत मिल गई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। इन अधिकारियों की याचिका पर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया गया है और 6 हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगामी सुनवाई तक अधिकारियों की कलकत्ता हाईकोर्ट में पेशी पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने उन्हें अवमानना का नोटिस जारी कर 25 जून को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था।
इन छह अधिकारियों में से चार आईपीएस अधिकारी हैं, जिनमें एक हावड़ा पुलिस आयुक्त भी हैं।
यह विवाद 2019 का है, जब हावड़ा नगर निगम परिषद में बाइक पार्किंग को लेकर वकीलों और पुलिस के बीच विवाद हुआ था। परिसर में अपनी कार पार्क करने गए एक वकील के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया गया। मामला कहासुनी से बढ़कर हाथापाई तक पहुंचा। बीच-बचाव करने की कोशिश में एक वरिष्ठ वकील पर हमला हुआ। इस घटना में पुलिस की एंट्री हुई और वकीलों के साथ झड़प शुरू हो गई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस ने अदालत परिसर के भीतर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई वकील गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस घटना पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर 25 जून को पेश होने का आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई तक हाईकोर्ट की कार्यवाही पर रोक रहेगी, लेकिन सभी पक्षों को छह हफ्तों के भीतर अपना जवाब दाखिल करना होगा।