क्या सुप्रीम कोर्ट सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा?

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क्या सुप्रीम कोर्ट सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा?

सारांश

आज सुप्रीम कोर्ट में लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई होगी। यह मामला वांगचुक की राजनीतिक गिरफ्तारी के आरोपों और उनके अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा है। क्या न्याय प्रणाली इस विवाद को सुलझा पाएगी? जानिए पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई।
  • गिरफ्तारी को राजनीतिक कारणों से जोड़ा जा रहा है।
  • लद्दाख प्रशासन ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया।
  • वांगचुक के संस्थान की जांच चल रही है।
  • युवाओं को भड़काने के आरोप भी लगाए गए हैं।

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट आज लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करने जा रहा है। यह याचिका उनकी पत्नी गीतांजलि आंग्मो द्वारा 2 अक्टूबर को दाखिल की गई थी। इसमें उल्लेख किया गया है कि वांगचुक की गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से हुई है और इसके चलते उनके मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। याचिका में उनकी त्वरित रिहाई की मांग की गई है।

सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में उन्हें राजस्थान के जोधपुर जेल में रखा गया है। उनकी गिरफ्तारी लद्दाख के लेह में हुई हिंसक घटनाओं के बाद हुई थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजरिया की पीठ द्वारा की जाएगी।

लद्दाख प्रशासन ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा है कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह से कानूनी आधार और पुख्ता सबूतों पर आधारित है। प्रशासन ने इन आरोपों को “निराधार” करार दिया है और यह स्पष्ट किया है कि गिरफ्तारी और संबंधित कार्रवाई विश्वसनीय जानकारी, दस्तावेजों और कानूनी आधार पर की गई थी।

प्रशासन ने कहा, “किसी को डराने-धमकाने या किसी को गुमराह करने का कोई सवाल नहीं है।” उन्होंने कानूनी प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से आगे बढ़ने देने का अनुरोध किया।

प्रशासन ने बताया कि वांगचुक के संस्थान ‘हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (एचआईएएल)’ की जांच चल रही है। आरोप है कि यह संस्थान बिना मान्यता के डिग्रियां बाँट रहा था, जिससे छात्रों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। साथ ही, विदेशी चंदे की जानकारी सही तरीके से वित्तीय दस्तावेजों में नहीं दी गई।

इसी प्रकार, वांगचुक से जुड़े एक और संगठन ‘एसईसीएमओएल’ का एफसीआरए (विदेशी चंदा नियमन कानून) पंजीकरण भी कई नियमों के उल्लंघन के कारण रद्द कर दिया गया है।

प्रशासन ने यह भी आरोप लगाया है कि हाल के दिनों में वांगचुक ने अपने भाषणों और वीडियो में भड़काऊ टिप्पणियां की हैं, जिसमें नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश का उल्लेख करना और कथित तौर पर युवाओं को शांतिपूर्ण तरीकों के खिलाफ भड़काना शामिल है। एक वीडियो में उन्होंने “अरब स्प्रिंग” जैसी क्रांति और आत्मदाह का जिक्र किया था। प्रशासन का कहना है कि इन बयानों से युवाओं को भड़काने की कोशिश की गई।

Point of View

जो न केवल सोनम वांगचुक के लिए बल्कि समस्त नागरिकों के लिए न्याय की प्रणाली के प्रति विश्वास को भी प्रभावित करेगी। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कानून का पालन हो और किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कब होगी?
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, 6 अक्टूबर को होगी।
सोनम वांगचुक को कब गिरफ्तार किया गया?
सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
क्या गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक कारण हैं?
याचिका में दावा किया गया है कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से हुई है।
लद्दाख प्रशासन का क्या कहना है?
लद्दाख प्रशासन ने कहा है कि गिरफ्तारी पूरी तरह कानूनी आधार पर की गई है।
क्या वांगचुक का संस्थान जांच के दायरे में है?
हाँ, वांगचुक के संस्थान की जांच चल रही है।