क्या कोई मराठी भाषा का अपमान करेगा? उदय सामंत ने कार्रवाई की चेतावनी दी है

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क्या कोई मराठी भाषा का अपमान करेगा? उदय सामंत ने कार्रवाई की चेतावनी दी है

सारांश

महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषा के विवाद पर शिवसेना के नेता उदय सामंत ने स्पष्ट किया है कि मराठी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी को इस राज्य की मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए और जो ऐसा नहीं करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Key Takeaways

  • मराठी भाषा का सम्मान करना आवश्यक है।
  • राजनीतिक बयानबाजी से बचना चाहिए।
  • कानूनी कार्रवाई का अधिकार है।
  • सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देना चाहिए।
  • व्यक्तिगत पसंद का सम्मान करना चाहिए।

मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी भाषा का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने स्पष्ट किया कि जो भी महाराष्ट्र में निवास करता है, उसे मराठी भाषा का सम्मान करना अनिवार्य है। मराठी हमारी मातृभाषा है और इसका सम्मान करना सभी का कर्तव्य है। यदि कोई मराठी भाषा का अपमान करता है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए। यही शिवसेना की स्पष्ट नीति है।

उदय सामंत ने नितेश राणे के दाढ़ी-टोपी वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने कभी किसी 'दाढ़ी' या 'टोपी' पहनने वाले को निशाना नहीं बनाया। लेकिन जो महाराष्ट्र में रह रहा है, उसका इस राज्य और यहां की जनता के प्रति जुड़ाव होना चाहिए। इसी तरह, जो भारत में निवास करता है, उसे देश के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रप्रेम नहीं दिखाता और राष्ट्रीय मूल्यों के खिलाफ जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। धर्म या समुदाय को निशाना बनाकर टिप्पणी करना अनुचित है। कानून ऐसे लोगों पर सख्त कार्यवाही करेगा।

उदय सामंत ने शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के संभावित मंच साझा करने के बारे में कहा कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है। राज ठाकरे ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। कांग्रेस ने भी यही कहा है कि यह दो भाइयों का व्यक्तिगत कार्यक्रम है, राजनीतिक गठबंधन नहीं।

उदय सामंत ने कहा कि यदि शिवसेना (यूबीटी) को राज साहब के साथ गठबंधन करना है, तो पहले उन्हें कांग्रेस नेताओं द्वारा वीर सावरकर पर की गई टिप्पणियों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। फिलहाल यह केवल एक इवेंट है। न कोई सीट का बंटवारा हुआ है और न ही कोई आधिकारिक घोषणा की गई है। जब ऐसा होगा, तब उस पर राजनीतिक टिप्पणी की जा सकती है।

उदय सामंत ने संजय राउत के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में 'हिंदी शक्ति' जैसे शब्दों का उपयोग तब शुरू हुआ था, जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। मैं उस सरकार में मंत्री और समिति का सदस्य था। उस समय हिंदी भाषा के संबंध में जो निर्णय लिए गए, उनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री की सहमति शामिल थी। इसलिए, आज इस विषय पर सवाल उठाना केवल राजनीति है।

सामंत ने हिंदी भाषा के संबंध में मार्शल समिति की रिपोर्ट पर स्पष्ट किया कि इस रिपोर्ट को खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्वीकार किया था। इसे सूचना निदेशालय के माध्यम से सार्वजनिक भी किया गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी अनुमति भी दी गई थी। अब उसी रिपोर्ट पर सवाल उठाना हास्यास्पद है।

उदय सामंत ने व्यापारिक संगठन प्रमुख सुशील केडिया के बयान पर कहा कि किसी को मराठी बोलना है या नहीं, यह उनकी व्यक्तिगत पसंद हो सकती है, लेकिन मराठी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि उनके बच्चे महाराष्ट्र में नहीं पढ़ते, तो भी यह राज्य की भाषा है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई व्यक्ति खुद को भारतीय मानता है, तो उसे भारतीयता की भावना से सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि भाषा का सम्मान करना सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। यह जरूरी है कि हम सभी भाषाओं का आदर करें और सामाजिक समरसता को बढ़ावा दें। विवादों के बजाय, संवाद और सहिष्णुता की आवश्यकता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

उदय सामंत ने मराठी भाषा के सम्मान पर क्या कहा?
उदय सामंत ने कहा कि जो भी महाराष्ट्र में रहता है, उसे मराठी भाषा का सम्मान करना चाहिए और उसका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
क्या यह विवाद राजनीतिक है?
उदय सामंत ने कहा कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है और इसे व्यक्तिगत कार्यक्रम के रूप में देखा जाना चाहिए।
क्या कानूनी कार्रवाई की जाएगी?
हाँ, यदि कोई मराठी भाषा का अपमान करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।