क्या उदयनिधि स्टालिन ने बाढ़ सुरक्षा तटबंध निर्माण कार्य का निरीक्षण किया?

सारांश
Key Takeaways
- उदयनिधि स्टालिन का निरीक्षण बाढ़ सुरक्षा तटबंध निर्माण कार्य की प्रगति की पुष्टि करता है।
- यह परियोजना 40.27 करोड़ रुपये की लागत से चल रही है।
- बाढ़ सुरक्षा तटबंध से क्षेत्र की 6,975 एकड़ कृषि भूमि को लाभ होगा।
- सिंचाई सुविधाओं में वृद्धि होगी जिससे किसानों को फायदा होगा।
- स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ाव को बढ़ावा दिया जा रहा है।
शिवगंगा, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सोमवार को शिवगंगा जिले के पदमथुर के समीप वैगई नदी के किनारे निर्मित हो रहे बाढ़ सुरक्षा तटबंध का निरीक्षण किया।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत 40.27 करोड़ रुपये है, जो तमिलनाडु जल संसाधन विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। यह तटबंध न केवल बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्र की कृषि भूमि के लिए सिंचाई सुविधाओं में भी वृद्धि करेगा।
इस परियोजना के माध्यम से लगभग 6,975 एकड़ कृषि भूमि को लाभ मिलने की संभावना है, जिसमें कानूर और पलयानूर सहित 19 तालाबों को सिंचाई सहायता मिलेगी।
निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कानूर में निर्माण स्थल का दौरा किया और परियोजना की प्रगति का आकलन किया। जनवरी 2025 में आरंभ हुए इस निर्माण कार्य में लगातार प्रगति देखी जा रही है। अधिकारियों ने उन्हें परियोजना की तकनीकी और प्रगति संबंधी जानकारी दी।
उपमुख्यमंत्री स्टालिन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए, ताकि क्षेत्र के किसानों को इसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना स्थानीय किसानों के लिए एक जीवन रेखा साबित होगी, क्योंकि यह न केवल बाढ़ के खतरों को कम करेगी, बल्कि सिंचाई के लिए जल उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगी।
उपमुख्यमंत्री के दौरे का उद्देश्य न केवल परियोजना की प्रगति की समीक्षा करना था, बल्कि स्थानीय समुदाय से जुड़ना भी था। इस दौरान उन्होंने जनता को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ भी वितरित किए। उनके साथ सहकारिता मंत्री के.आर. पेरियाकरुप्पन, मनामदुरै विधायक तमिलारसी रविकुमार और शिवगंगा जिला कलेक्टर आशा अजित भी उपस्थित थे।
इस योजना का महत्व इस कारण भी बढ़ता है क्योंकि वैगई नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है। तटबंध के निर्माण से न केवल बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा, बल्कि क्षेत्र की कृषि उत्पादकता भी बढ़ेगी।