क्या यूपी में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की नई पहल, 'सड़क सुरक्षा मित्र' और 'राहवीर' योजनाओं का विस्तार हो रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- युवाओं की सक्रिय भागीदारी से सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
- दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित सहायता प्रदान की जाएगी।
- सड़क सुरक्षा समितियों द्वारा निगरानी की जाएगी।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास किया जाएगा।
लखनऊ, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए 'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम और 'राहवीर' योजना का विकास किया जा रहा है। सीएम के निर्देशों के बाद इन दोनों योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों में कार्यवाही को तेज किया गया है।
इन पहलों का मुख्य लक्ष्य युवाओं में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और दुर्घटना के शिकार लोगों को त्वरित सहायता और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इससे एक ओर सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर मृतकों की संख्या को भी कम किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने इन योजनाओं की निगरानी के लिए जिला सड़क सुरक्षा समितियों को जिम्मेदारी सौंपी है, जिससे सड़क सुरक्षा को एक जन-आंदोलन का रूप दिया जा सके।
केंद्र सरकार का 'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम वर्तमान में प्रदेश के 28 जनपदों में क्रियाशील है। यह योजना युवाओं को सड़क सुरक्षा अभियानों में सक्रिय भागीदार बनाने पर जोर देती है। इस कार्यक्रम के तहत यूपी में अब तक 423 युवा स्वयंसेवकों ने 'माय भारत' पोर्टल पर पंजीकरण कराया है और उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य लोक सेवा फाउंडेशन ने गौतम बुद्ध नगर, नोएडा में पहला प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया, जहां स्वयंसेवकों को सड़क सुरक्षा नियम, दुर्घटना प्रबंधन और जागरूकता अभियानों की जानकारी दी गई।
इस कार्यक्रम के लिए 14 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है, जिसमें सभी 28 जनपदों के लिए 50,000 रुपए का प्रावधान है। यह धनराशि सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण, जागरूकता और क्षेत्रीय गतिविधियों के लिए उपयोग की जाएगी। सड़क सुरक्षा मित्र कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन से प्रदेश में न केवल दुर्घटनाओं की संख्या कम होगी, बल्कि युवाओं में जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास भी होगा।
'राहवीर' योजना सड़क दुर्घटनाओं के गोल्डन आवर, यानी दुर्घटना के पहले एक घंटे में त्वरित चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य नागरिकों को प्रेरित करना है कि वे दुर्घटना के शिकार लोगों की तत्काल सहायता करें। योजना के अंतर्गत, जो राहवीर पीड़ित को गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचाता है, उसे 25,000 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को कम करना है। प्रत्येक जनपद में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को इस योजना का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत अब तक पांच 'राहवीर' चुने जा चुके हैं, जो जनपद बस्ती, कौशांबी, सीतापुर, अलीगढ़ और कासगंज से संबंधित हैं। ये योजनाएं उत्तर प्रदेश जैसे सबसे बड़े हाईवे और विस्तृत रोड नेटवर्क वाले राज्य में सड़क सुरक्षा को एक नया आयाम दे रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राज्य परिवहन विभाग ने आने वाले महीनों में और अधिक प्रशिक्षण शिविरों की योजना बनाई है। साथ ही नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं से अनुरोध है कि वे इन योजनाओं में सक्रिय भागीदारी करें और प्रदेश की सड़कों को सुरक्षित बनाने में योगदान दें।