क्या उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल के सदस्यों से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में व्यापार के विकास को प्राथमिकता दी।
- आईसीसी की भूमिका स्थानीय उद्योगों को समर्थन देने में महत्वपूर्ण है।
- बैठक ने स्थानीय व्यापारियों को सहयोग और नेटवर्किंग का अवसर प्रदान किया।
- सरकार ने निवेशकों को सहयोग का आश्वासन दिया।
- भारत की सांस्कृतिक विरासत अर्थव्यवस्था की मजबूती का आधार है।
श्रीनगर, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को श्रीनगर में भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल (आईसीसी) के सदस्यों से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने जम्मू-कश्मीर में व्यापार, वाणिज्य और उद्योग के विकास के लिए आईसीसी के प्रयासों की सराहना की।
उपराज्यपाल ने कहा कि श्रीनगर में आईसीसी द्वारा आयोजित यह बैठक स्थानीय व्यापारियों के लिए नेटवर्किंग और सहयोग का एक उत्कृष्ट मंच है।
उन्होंने कहा, "भारत विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। हमारे लिए रिश्ते केवल लेन-देन तक सीमित नहीं होते, बल्कि वे करुणा और भाईचारे पर आधारित होते हैं। हमारी सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक मूल्य हमारी अर्थव्यवस्था की मजबूती का आधार हैं।"
एलजी सिन्हा ने कहा कि श्रीनगर में आईसीसी की इस बैठक का आयोजन यह दर्शाता है कि कोई भी आतंकी ताकत भारत को झुका नहीं सकती। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारे महान राष्ट्र के दुश्मनों को एक बड़ा संदेश है कि भारत अडिग है और जम्मू-कश्मीर की उद्योग इकाइयों को इससे प्रेरणा मिलेगी कि वे और ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करें।
अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में निवेश के अवसरों, शांति और आर्थिक परिवर्तन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में एक औद्योगिक क्रांति आ चुकी है। सड़क, हवाई और रेल संपर्क में ऐतिहासिक प्रगति हुई है। अब राज्य के हर कोने तक औद्योगिक निवेश पहुंच चुका है।
एलजी सिन्हा ने भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल की सराहना करते हुए कहा कि नीति-निर्माण, वैश्विक व्यापार समुदाय से साझेदारी, और निवेशकों से जुड़ने में आईसीसी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि आईसीसी भारत की प्रतिस्पर्धा को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने आगे कहा, "आईसीसी जैसा संस्थान भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था का एक स्तंभ है, और यह 'विकसित भारत 2047' के सफर में देश की परिवर्तनकारी यात्रा में एक मजबूत सहयोगी है।"
सिन्हा ने इस अवसर पर उन सभी उद्यमियों और व्यापारिक साझेदारों का धन्यवाद किया, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में देशी और विदेशी निवेश लाने में योगदान दिया है। उन्होंने सभी निवेशकों को भरोसा दिलाया कि सरकार उन्हें हर स्तर पर सहयोग और समर्थन देगी।
इस कार्यक्रम में भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल के अध्यक्ष अभ्युदय जिन्दल (मैनेजिंग डायरेक्टर, जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड), डॉ. राजीव सिंह (महानिदेशक, आईसीसी), राहुल साहा (आईसीसी जम्मू चैप्टर के चेयरमैन), खालिद वानी (आईसीसी कश्मीर चैप्टर के चेयरमैन), विक्रमजीत सिंह (कमिश्नर सचिव, उद्योग व वाणिज्य विभाग), कई व्यापारिक नेता, आईसीसी सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।