क्या नए बैक्टीरिया, वायरस और रोगजनकों की पहचान पर चर्चा हुई? : अनुप्रिया पटेल

सारांश
Key Takeaways
- वीआरडीएल कॉन्क्लेव का उद्देश्य नए बैक्टीरिया और वायरस की पहचान करना है।
- कॉन्क्लेव में १६४ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- नया पोर्टल पारदर्शिता और आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाता है।
- भारत सरकार समय-समय पर एडवाइजरी जारी करती है।
- राज्य सरकारें डेंगू और मलेरिया के खिलाफ कदम उठा रही हैं।
नई दिल्ली, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में राष्ट्रीय वायरल अनुसंधान और निदान प्रयोगशाला (वीआरडीएल) कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है। यह एक दो दिवसीय कार्यक्रम है, जिसका मुख्य उद्देश्य नए बैक्टीरिया, वायरस और रोगजनकों की पहचान एवं निदान में भारत की प्रगति पर चर्चा करना है।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस बारे में मीडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया कि गुरुवार को हमने देश भर के सभी १६४ वीआरडीएल के प्रतिनिधियों के साथ इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इसका मुख्य फोकस नए बैक्टीरिया, वायरस और रोगजनकों की पहचान एवं निदान में भारत की प्रगति पर विस्तृत चर्चा करना है।
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इस कॉन्क्लेव में हम यह भी देखेंगे कि हमारे देश की भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा को कैसे मजबूत किया जा रहा है। इस संदर्भ में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। इस दौरान एक नया पोर्टल भी लॉन्च किया गया है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और यह पोर्टल उद्योग के अनुकूल है। नए आवेदक जो डायग्नोस्टिक किट्स बना रहे हैं, वे आसानी से अपने आवेदन इस पोर्टल पर भेज सकते हैं और उसकी प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यों द्वारा की जा रही निवारक गतिविधियों को गति देने के लिए डेंगू और मलेरिया की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत सरकार समय-समय पर राज्यों को एडवाइजरी जारी करती है। यह पब्लिक हेल्थ का एक महत्वपूर्ण विषय है। मौसम जनित बीमारियों जैसे डेंगू और मलेरिया का प्रकोप हम देख रहे हैं। इस एडवाइजरी के माध्यम से राज्यों को आवश्यक सावधानियों के बारे में समय-समय पर सूचित किया जाता है। राज्य सरकारें इस पर कड़ाई से कार्य कर रही हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इन बीमारियों से सुरक्षा मिल सके।