क्या यश सालुंड्के 'संस्कृत' में क्रिकेट सिखाकर युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं?

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क्या यश सालुंड्के 'संस्कृत' में क्रिकेट सिखाकर युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में यश सालुंड्के की सराहना की है, जो 'संस्कृत' में क्रिकेट सिखा रहे हैं। उनकी रील्स ने युवाओं में इस प्राचीन भाषा के प्रति रुचि जगाई है। क्या यह पहल 'संस्कृत' के लिए एक नई शुरुआत है?

Key Takeaways

  • संस्कृत का महत्व बढ़ रहा है।
  • युवा पीढ़ी में संस्कृत के प्रति रुचि जगाई जा रही है।
  • सोशल मीडिया ने संस्कृत को नया जीवन दिया है।
  • यश सालुंड्के का प्रयास सराहनीय है।
  • संस्कृत में क्रिकेट सिखाना एक अनूठा प्रयोग है।

नई दिल्ली, २६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के १२७वें एपिसोड में संस्कृत भाषा पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने संस्कृत में सामग्री बनाने वाले क्रिएटर्स यश सालुंड्के की सराहना की, जो इस भाषा के जरिए युवाओं को क्रिकेट के गुरु सिखा रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा, 'संस्कृत' का नाम सुनते ही हमारे मन में हमारे धर्मग्रंथ, वेद, उपनिषद, पुराण, शास्त्र, प्राचीन ज्ञान-विज्ञान, आध्यात्म और दर्शन का ख्याल आता है, लेकिन एक समय यह संस्कृत बातचीत की भाषा भी थी। उस युग में अध्ययन और शोध संस्कृत में होते थे। नाट्य मंचन भी इसी भाषा में होते थे। दुर्भाग्यवश, गुलामी के समय से लेकर आजादी के बाद तक संस्कृत की उपेक्षा हुई है। इस कारण युवा पीढ़ियों में संस्कृत के प्रति आकर्षण कम होता गया, लेकिन अब समय बदल रहा है। संस्कृत को नई प्राणवायु मिल रही है।

उन्होंने कहा, "इन दिनों कई युवा संस्कृत को लेकर रोचक काम कर रहे हैं। आप सोशल मीडिया पर जाएंगे तो आपको ऐसी कई रील्स मिलेंगी, जहां युवा संस्कृत में और इसके बारे में बात करते हैं। ऐसे ही एक युवा कंटेंट क्रिएटर हैं- यश सालुंड्के। यश न केवल कंटेंट क्रिएटर हैं, बल्कि वह एक क्रिकेटर भी हैं। उनकी संस्कृत में क्रिकेट सिखाने वाली रील्स को लोगों ने बहुत पसंद किया है।"

कार्यक्रम में यश सालुंड्के की एक रील भी सुनाई गई, जिसमें वह कहते हैं- पश्यतु! अहं कथं क्रीडामि (देखो! मैं कैसे खेलता हूं)। इसके बाद यश बैटिंग तकनीक के बारे में सिखाते हैं। इस वीडियो में यश संस्कृत में बात करते नजर आते हैं।

वह कहते हैं- "भ्रात: नूतनं कन्दुकं गृह्णातु (भाई, एक नई गेंद ले आओ)। इमं कन्दुकं सावधानेन पश्य च षटकाय ताडय (इस गेंद को ध्यान से देखो और छक्का मारो)।"

संस्कृत का इस तरीके से प्रसार काफी लोकप्रिय हो रहा है।

Point of View

बल्कि युवाओं में सांस्कृतिक गर्व भी जागृत करेगा।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

यश सालुंड्के कौन हैं?
यश सालुंड्के एक युवा कंटेंट क्रिएटर और क्रिकेटर हैं, जो संस्कृत में क्रिकेट सिखाते हैं।
पीएम मोदी ने यश की सराहना क्यों की?
पीएम मोदी ने यश की सराहना की क्योंकि वह संस्कृत में शिक्षाप्रद कंटेंट बना रहे हैं।
संस्कृत में क्रिकेट सिखाने का क्या महत्व है?
संस्कृत में क्रिकेट सिखाने से भाषा की प्रासंगिकता बढ़ती है और युवा पीढ़ी में रुचि जगती है।