क्या भारत का रियल एस्टेट सेक्टर वित्त वर्ष 2025 में 23,080 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने में सफल रहा?

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क्या भारत का रियल एस्टेट सेक्टर वित्त वर्ष 2025 में 23,080 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने में सफल रहा?

सारांश

भारत का रियल एस्टेट सेक्टर वित्त वर्ष 2025 में 12 डील के जरिए 23,080 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाकर एक नई ऊँचाई पर पहुँच गया है। जानिए इस वृद्धि के पीछे की कहानी और भविष्य की संभावनाएँ।

Key Takeaways

  • भारत का रियल एस्टेट सेक्टर 23,080 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने में सफल रहा है।
  • आरईआईटी ने सबसे अधिक फंड जुटाया है, जो कुल राशि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • लार्ज-कैप और मिड-कैप कंपनियों ने भी निवेश में योगदान दिया है।
  • भविष्य में रिटेल मॉल और अन्य क्षेत्रों में वृद्धि की संभावना है।
  • सेबी ने रीट्स को इक्विटी के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया है, जिससे निवेश के नए अवसर खुलेंगे।

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का रियल एस्टेट सेक्टर वित्त वर्ष 2025 में 12 डील के माध्यम से 23,080 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाकर सात वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है। यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई।

इंवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म इक्विरस कैपिटल के अनुसार, वित्त वर्ष 2018 से रियल एस्टेट सेक्टर में कुल फंड रेजिंग 72,331 करोड़ रुपए तक पहुँच गई है, जिसमें रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) सेक्टर में सबसे आगे हैं, जिन्होंने 31,241 करोड़ रुपए जुटाए हैं।

आरईआईटी के बाद लार्ज-कैप रियल एस्टेट फर्मों ने 20,437 करोड़ रुपए, मिड-कैप रियल एस्टेट फर्मों ने 12,496 करोड़ रुपए और स्मॉल-कैप कंपनियों ने 8,156 करोड़ रुपए जुटाए।

आरईआईटी ने पिछले 12 महीनों में 21.3 प्रतिशत का उच्चतम रिटर्न हासिल किया है, जो अन्य सभी रियल एस्टेट परिसंपत्ति वर्गों से आगे है।

इसी अवधि के दौरान लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप रियल एस्टेट शेयरों ने नेगेटिव रिटर्न दिया।

हालांकि, मार्च 2021 से रिटर्न के मामले में स्मॉल-कैप रियल एस्टेट शेयरों ने अन्य कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसके बाद मिड-कैप शेयरों का स्थान है।

रिलीज में कहा गया है कि लार्ज-कैप शेयरों ने इन क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन किया है, जिसमें आरईआईटी सबसे कम प्रदर्शन करने वाला इक्विटी इंस्ट्रूमेंट रहा है।

इस महीने की शुरुआत में एनारॉक की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत का आरईआईटी इकोसिस्टम एक बड़े बदलाव के लिए तैयार है, क्योंकि विकास की अगली लहर रिटेल मॉल, शॉपिंग सेंटर और मिश्रित उपयोग वाले विकास से आ सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक भारत का रिटेल आरईआईटी बाजार 60,000-80,000 करोड़ रुपए तक पहुँच सकता है, जो अनुमानित 2 लाख करोड़ रुपए के आरईआईटी सेक्टर का लगभग 30-40 प्रतिशत है।

ट्रेंड में यह बदलाव परिपक्व अर्थव्यवस्थाओं के अनुरूप होगा, जहाँ रिटेल रीट्स कुल आरईआईटी बाजार पूंजीकरण का 15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं।

इंस्टीट्यूशन प्लेयर इंदौर, कोयंबटूर, सूरत, भुवनेश्वर और चंडीगढ़ जैसे टियर-2 शहरों के हाई-इनकम, कंजप्शन ड्रिवन क्लस्टर में तेजी से विस्तार कर रहे हैं।

बाजार नियामक सेबी ने हाल ही में विविधीकरण के अवसरों को बढ़ाने और एक निवेश योग्य परिसंपत्ति वर्ग के रूप में रियल एस्टेट के विकास को समर्थन देने के लिए म्यूचुअल फंड निवेश के लिए रीट्स को 'इक्विटी' के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया है।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि भारत का रियल एस्टेट सेक्टर एक महत्वपूर्ण विकास की ओर बढ़ रहा है। हालिया रिपोर्टें दिखाती हैं कि निवेश का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है, जो कि न केवल अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी फायदेमंद रहेगा। यह समय है कि हम इस क्षेत्र की संभावनाओं का और अधिक अध्ययन करें।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत का रियल एस्टेट सेक्टर पिछले साल से कैसे प्रभावित हुआ है?
भारत का रियल एस्टेट सेक्टर पिछले साल की तुलना में काफी सकारात्मक तरीके से प्रभावित हुआ है, जहाँ फंड रेजिंग में वृद्धि देखने को मिली है।
आरईआईटी का रिटर्न कैसा रहा है?
आरईआईटी ने पिछले 12 महीनों में 21.3 प्रतिशत का उच्चतम रिटर्न हासिल किया है।