क्या बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है और रक्षा शेयरों में उछाल आया है?

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क्या बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है और रक्षा शेयरों में उछाल आया है?

सारांश

भारतीय शेयर बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है, जो अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता के आशावाद के बावजूद, इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण प्रभावित हुई है। इसने निवेशकों की धारणा को बदल दिया है, जिससे रक्षा शेयरों में तेजी देखी गई है।

Key Takeaways

  • भू-राजनीतिक तनाव ने बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ाया है।
  • रक्षा शेयरों में तेज खरीदारी देखी गई है।
  • निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
  • आवश्यक आर्थिक संकेतों पर नजर रखें।
  • सीपीआई मुद्रास्फीति में कमी से कुछ राहत मिली है।

मुंबई, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। बाजार विश्लेषकों ने शनिवार को बताया कि इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जो अंततः आखिरी कारोबारी दिन लाल निशान में बंद हुआ। प्रारंभिक आशावाद अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में प्रगति के कारण था, लेकिन इसे इजरायल द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट पर हमले के बाद बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने प्रभावित किया।

इस घटनाक्रम ने ग्लोबल रिस्क-ऑफ सेंटीमेंट को जन्म दिया, जिसके परिणामस्वरूप सोने और अमेरिकी बॉंड्स जैसे सेफ-हेवन एसेट में तेजी आई। आपूर्ति में व्यवधान की आशंका के कारण, तेल की कीमतें 76 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली गईं।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "डोमेस्टिक फ्रंट पर, सीपीआई मुद्रास्फीति 75 महीने के निचले स्तर पर आ गई, जिससे कुछ राहत मिली। हालांकि, मध्य पूर्व संघर्ष के तेज होने पर कच्चे तेल की कीमतों में हालिया तेजी इस प्रवृत्ति को उलट सकती है।" सेक्टोरल फ्रंट पर, ऑटो, रियलिटी और बैंकिंग जैसे रेट-सेंसिटिव सेक्टर में मुनाफावसूली देखी गई, जबकि कमजोर रुपए के बीच आईटी और फार्मा जैसे निर्यात-उन्मुख सेक्टर में तेजी आई।

बाजार में व्यापक बिकवाली देखी गई, जिसमें सभी प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांक नकारात्मक क्षेत्र में समाप्त हुए, जबकि भारत वीक्स में 7 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, जो बढ़ी हुई अस्थिरता और निवेशकों की चिंता को दर्शाता है।

निफ्टी 50 में तेजी से गिरावट आई, जो शुरुआती कारोबार में 24,473 के इंट्राडे लो तक पहुंच गया। हालांकि, सूचकांक 169.60 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,718.60 पर बंद हुआ। सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स ने 1.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ खराब प्रदर्शन किया।

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के एक नोट में कहा गया है, "ब्रॉडर मार्केट भी दबाव में रहा, निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में क्रमशः 0.37 प्रतिशत और 0.49 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके विपरीत, इजरायल-ईरान के बढ़ते तनाव के बीच डिफेंस शेयरों में तेज खरीदारी देखी गई।"

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, रिसर्च, अजीत मिश्रा ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए, ट्रेडर्स को दोनों पक्षों पर पॉजिशन के साथ एक संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखना चाहिए और सेक्टोरल एंड थीमैटिक ट्रेंड से प्रेरित स्टॉक सेलेक्शन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

आगे देखते हुए, निवेशकों से प्रीमियम वैल्यूएशन और भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच सतर्क रहने की उम्मीद है।

वर्तमान में सभी की निगाहें आगामी यूएस फेड मीटिंग पर हैं, जहां ब्याज दरें अपरिवर्तित रहने की संभावना है। हालाँकि, बाजार पर नजर रखने वालों ने कहा कि भविष्य की नीति संकेतों के लिए फेड की टिप्पणी और आर्थिक अनुमानों की बारीकी से जांच की जाएगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति का असर हमारे घरेलू बाजारों पर पड़ रहा है। हमें अपने निवेशकों को सही जानकारी देकर उन्हें सतर्क रखने की आवश्यकता है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या भू-राजनीतिक तनाव का भारतीय शेयर बाजार पर असर पड़ रहा है?
हाँ, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव को बढ़ाया है।
रक्षा शेयरों में तेजी का कारण क्या है?
इजरायल-ईरान के बीच तनाव ने रक्षा शेयरों में तेज खरीदारी को प्रेरित किया है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बाजार की स्थिति का ध्यानपूर्वक अवलोकन करना चाहिए।