क्या भू-राजनीतिक चिंताओं के कम होने से सेंसेक्स में तेज उछाल आया?

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क्या भू-राजनीतिक चिंताओं के कम होने से सेंसेक्स में तेज उछाल आया?

सारांश

मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव में कमी से भारतीय शेयर बाजार में उछाल देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की, जिससे निवेशकों में आशा जगी। जानिए इस घटना का बाजार पर क्या असर पड़ा और आगे की संभावनाएं क्या हैं।

Key Takeaways

  • सेंसेक्स ने 1,046.30 अंक की बढ़त बनाई।
  • निफ्टी में भी 319.15 अंक की वृद्धि हुई।
  • मध्य पूर्व में तनाव कम होने से निवेशकों की चिंताएं घटीं।
  • कच्चे तेल की कीमतों में सुधार हुआ।
  • बैंकिंग शेयरों में जोरदार खरीदारी हुई।

मुंबई, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव के कम होने से निवेशकों को बड़ी राहत मिली और शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों ने लगातार तीन सत्रों की गिरावट के बाद कारोबार के अंत में उछाल देखा।

अमेरिका ने कहा कि वह ईरान के साथ बातचीत के लिए तत्पर है और दो सप्ताह की अवधि में इजरायल को समर्थन देने के संबंध में निर्णय करेगा। इस घोषणा से निवेशकों की चिंताएं कम हुईं और बाजारों में तेजी आई।

मजबूत शुरुआत के बाद, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने कारोबार का अंत बढ़त के साथ किया।

सेंसेक्स 1,046.30 अंक या 1.29 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,408.17 पर बंद हुआ। दिन के दौरान, इंडेक्स ने 82,494.49 का इंट्रा-डे उच्च स्तर छुआ।

निफ्टी भी 319.15 अंक या 1.29 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,112.4 पर बंद हुआ।

जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के विनोद नायर ने कहा, "मध्य पूर्व में तनाव कम होने और ईरान के साथ अमेरिकी वार्ता की उम्मीद के कारण घरेलू इक्विटी सूचकांक में उछाल आया।"

उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम से कच्चे तेल की कीमतों में सुधार हुआ, जिससे घरेलू बाजारों को लाभ मिला और विदेशी निवेशकों की धारणा को बल मिला।

सेंसेक्स में केवल मारुति सुजुकी इंडिया टॉप लूजर रही। दूसरी ओर, भारती एयरटेल 3.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ टॉप गेनर रही। इसके अलावा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड और नेस्ले इंडिया भी टॉप गेनर्स की सूची में शामिल हुए।

ब्रॉडर मार्केट में भी तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 1.01 प्रतिशत बढ़ा।

एनएसई पर सभी सूचकांक हरे निशान में बंद हुए। निफ्टी रियलिटी इंडेक्स 2.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ टॉप परफॉर्मर रहा। बैंकिंग शेयरों में जोरदार खरीदारी देखी गई, तीनों प्रमुख बैंकिंग सूचकांकों - बैंक निफ्टी, निफ्टी पीएसयू बैंक और निफ्टी प्राइवेट बैंक में 1 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।

आशिका इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के सुंदर केवट ने कहा, "सभी क्षेत्रों में निरंतर खरीदारी और व्यापक बाजार में मजबूत भागीदारी के साथ सेंटीमेंट सकारात्मक बना हुआ है।"

इस बीच, बाजार में उतार-चढ़ाव कम हुआ। इंडिया वीआईएक्स 4.08 प्रतिशत घटकर 13.67 पर बंद हुआ।

कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और डॉलर इंडेक्स में कमजोरी के कारण रुपया 0.15 की बढ़त के साथ 86.57 पर सकारात्मक कारोबार कर रहा था।

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा, "पिछले कुछ महीनों से चल रहे भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद भारतीय बाजारों में निरंतर एफआईआई और डीआईआई प्रवाह ने रुपए की गिरावट को सीमित करने में मदद की है।"

Point of View

मैं यह कहना चाहता हूं कि भारतीय शेयर बाजारों में हालिया उछाल वैश्विक घटनाओं से प्रभावित है। जबकि यह एक सकारात्मक संकेत है, हमें सतर्क रहना चाहिए और बाजार की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।
NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

सेंसेक्स में वृद्धि का कारण क्या है?
सेंसेक्स में वृद्धि का मुख्य कारण मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव में कमी और अमेरिका की ईरान के साथ वार्ता की संभावनाएं हैं।
निवेशकों की धारणा पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?
इस घटना ने निवेशकों की धारणा को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, जिससे बाजार में तेजी आई।