क्या छोटे और मध्यम आकार के एंटरप्राइज में डिजिटल पेमेंट की वैल्यू अक्टूबर में 44 प्रतिशत बढ़ी?
सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल पेमेंट की वैल्यू में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- टियर 3 शहरों में 51 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।
- घड़ियों और ज्वेलरी में 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- स्मार्टफोन की पहुंच ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया है।
- किराना और सुपरमार्केट में 51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छोटे और मध्यम आकार के एंटरप्राइज में डिजिटल पेमेंट की वैल्यू अक्टूबर में सालाना आधार पर 44 प्रतिशत बढ़ी है। इसका मुख्य कारण टियर 2 और टियर 3 शहरों में डिजिटल पेमेंट का बढ़ता चलन है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में प्रदान की गई है।
फिनटेक प्लेटफॉर्म मिंटोक द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में 4 मिलियन से अधिक एसएमई मर्चेंट का डेटा विश्लेषण किया गया है, जिसमें बताया गया है कि अक्टूबर में लेनदेन की संख्या में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
टियर 3 शहरों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, जहां डिजिटल पेमेंट की वैल्यू में 51 प्रतिशत और ट्रांजैक्शन की संख्या में 49 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। घड़ियों और ज्वैलरी में लेनदेन की वैल्यू में 77 प्रतिशत तथा ग्रोसरी स्टोर्स और सुपरमार्केट्स पर लेनदेन की वैल्यू में 59 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "टियर 2 और टियर 3 मार्केट ने लगभग हर कैटेगरी में मेट्रो शहरों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे स्मार्टफोन की पहुंच बढ़ी, कंज्यूमर का भरोसा मजबूत हुआ और बड़े शहरों के बाहर डिजिटल पेमेंट को लेकर लोगों में आसानी आई है।"
टियर 2 शहरों में पेमेंट वैल्यू में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि टियर 1 में सालाना आधार पर 31 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि देखी गई है।
आम सोच के विपरीत, किराना और सुपरमार्केट के व्यापारी क्विक कॉमर्स की चुनौती के बीच मजबूत साबित हुए हैं, जिसमें ग्रोसरी और सुपरमार्केट पेमेंट वैल्यू 51 प्रतिशत और ट्रांजैक्शन की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ी है।
ओवरऑल एनालिसिस में यह पाया गया कि घड़ियों और ज्वेलरी कैटेगरी में सबसे अधिक उछाल आया है, जिसमें डिजिटल पेमेंट वैल्यू सालाना आधार पर 66 प्रतिशत बढ़ी। सोने की कीमतों के बावजूद मांग में बढ़त देखी गई है, जो नॉन-मेट्रो इंडिया से बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम और एस्पिरेशनल खरीदारी का एक संकेत है।
मिंटोक के सीईओ और को-फाउंडर रमन खंडूजा ने कहा, “जब छोटे शहर अधिक ट्रांजैक्शन फ्रीक्वेंसी, लगातार डिस्क्रिशनरी डिमांड और ज्वेलरी जैसी कैटेगरी पर खर्च करने की इच्छा दिखाते हैं, तो यह जमीनी स्तर के असली आत्मविश्वास को दर्शाता है।”