क्या आरबीआई 2025 की चौथी तिमाही में रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती करेगा?

Click to start listening
क्या आरबीआई 2025 की चौथी तिमाही में रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती करेगा?

सारांश

आरबीआई द्वारा इस वर्ष की चौथी तिमाही में रेपो रेट में कटौती की संभावना पर चर्चा। क्या उच्च-आवृत्ति डेटा में नरमी के संकेत मिल रहे हैं?

Key Takeaways

  • आरबीआई चौथी तिमाही में रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है।
  • जून से जारी उच्च-आवृत्ति डेटा में नरमी के संकेत हैं।
  • महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद है।
  • खाद्य उत्पादों की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है।
  • आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

नई दिल्ली, १३ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यदि जून से जारी उच्च-आवृत्ति डेटा में नरमी बनी रहती है, तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस वर्ष की चौथी तिमाही में रेपो रेट में २५ आधार अंक की कटौती कर सकता है। यह जानकारी बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आई।

एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, यदि आने वाले महीनों में उच्च-आवृत्ति संकेतक कमजोर बने रहते हैं, तो आरबीआई विकास दर का अनुमान घटा सकता है। ऐसे में केंद्रीय बैंक 2025 की चौथी तिमाही में रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.25 प्रतिशत करने की संभावना है।

आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखा था। इससे पहले, जून की मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी।

जुलाई में खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर 1.55 प्रतिशत रही है, जो महंगाई का आठ वर्ष का निचला स्तर है। खाद्य उत्पादों की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि ऊर्जा की कीमतों और मुख्य महंगाई दर में नरमी जारी है।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि वित्त वर्ष 26 में महंगाई औसत 3.2 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद है। इसका कारण कम आधार, अनाज का अच्छा भंडार, खरीफ फसलों की अच्छी बुआई और कमोडिटी की कीमतों का कमजोर होना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्जियों की कीमतें, जो पहले छह महीने तक अवस्फीति में थीं, अपेक्षा से अधिक तेजी से बढ़ी हैं, जिसके कारण आंकड़े अप्रत्याशित रहे।

सब्जियों को छोड़कर, मुख्य महंगाई दर घटकर 3.6 प्रतिशत रह गई, जो पहले 3.8 प्रतिशत थी।

खाद्य पदार्थों की कीमतें छह महीने बाद अपस्फीति से उबरीं, जिनमें 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 9.7 प्रतिशत भार वाले भारी अनाजों में लगातार दूसरे महीने गिरावट जारी रही।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "दालों, चीनी और फलों की गिरती कीमतों ने खाद्य तेल, अंडे, मांस, मछली और सब्जियों की कीमतों में वृद्धि की आंशिक रूप से भरपाई कर दी। वार्षिक महंगाई लाल निशान में रही, जिससे मुख्य आंकड़े आठ साल के निचले स्तर पर पहुंच गए।"

Point of View

हम एक बुनियादी आर्थिक दृष्टिकोण से यह देख रहे हैं कि कैसे उच्च-आवृत्ति डेटा और महंगाई दर के आंकड़े आरबीआई की मौद्रिक नीति को प्रभावित कर सकते हैं। यह स्थिति न केवल बाजार बल्कि आम नागरिकों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
20/08/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई रेपो रेट में कटौती क्यों कर सकता है?
आरबीआई उच्च-आवृत्ति डेटा में नरमी के चलते विकास दर का अनुमान घटा सकता है।
क्या रेपो रेट में कटौती का प्रभाव होगा?
यह प्रभावी रूप से लोन की ब्याज दरों को कम कर सकता है और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर सकता है।