क्या एसबीआई ने नए उधारकर्ताओं के लिए होम लोन की दरें बढ़ाई?

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क्या एसबीआई ने नए उधारकर्ताओं के लिए होम लोन की दरें बढ़ाई?

सारांश

भारतीय स्टेट बैंक ने नए उधारकर्ताओं के लिए होम लोन की दरों को बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर रखा है। जानिए इससे उधारकर्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

Key Takeaways

  • एसबीआई ने ब्याज दरों में 25 आधार अंक की वृद्धि की है।
  • नए होम लोन की दरें 7.50 प्रतिशत से 8.70 प्रतिशत के बीच होंगी।
  • कम क्रेडिट स्कोर वाले उधारकर्ताओं पर अधिक प्रभाव पड़ेगा।
  • अन्य बैंकों ने भी होम लोन पर ब्याज दरें बढ़ाने की संभावना जताई है।
  • बैंकों को लाभ मार्जिन बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना पड़ा है।

नई दिल्ली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), जो देश का सबसे बड़ा बैंक है, ने नए उधारकर्ताओं के लिए होम लोन की दरों में 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की है।

यह वृद्धि बैंक द्वारा ब्याज दरों के ऊपरी बैंड में की गई है। एसबीआई ने नए होम लोन की ब्याज दर को 7.50 प्रतिशत से 8.70 प्रतिशत के बीच निर्धारित किया है, जबकि पहले यह बैंड 7.50 प्रतिशत से 8.45 प्रतिशत था।

यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी अगस्त महीन की मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।

होम लोन का वितरण हमेशा उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर के आधार पर किया जाता है। यदि किसी का क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है, तो उसे कम ब्याज दर पर लोन मिलता है; जबकि कम क्रेडिट स्कोर वाले उधारकर्ताओं पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है।

इसलिए, बढ़ी हुई ब्याज दरों का सबसे अधिक प्रभाव कम क्रेडिट स्कोर वाले लोगों पर पड़ेगा।

अन्य सरकारी बैंक जैसे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ग्राहक होम लोन पर 7.35 प्रतिशत से 10.10 प्रतिशत की ब्याज दरें ऑफर कर रहे हैं।

एसबीआई द्वारा होम लोन की ब्याज दर बढ़ाने के बाद, अन्य बैंक भी इसे फॉलो कर सकते हैं।

इससे पहले बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था कि आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती से होम लोन की दरें कम हो जाएंगी। यह परिवर्तन सबसे पहले एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (ईबीएलआर) से जुड़े लोन में देखने को मिलेगा, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिए गए लोन का लगभग 60 प्रतिशत है।

इसके साथ ही, एसबीआई ने चेतावनी दी है कि भले ही कम दरों से उधारकर्ताओं को लाभ होता है, लेकिन बैंकों को अपने लाभ मार्जिन पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

Point of View

जो कि एक महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान है। हालाँकि, यह वृद्धि उधारकर्ताओं के लिए चिंताजनक हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका क्रेडिट स्कोर कम है। ऐसे समय में जब आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखा है, बैंक को अपनी लाभप्रदता को बनाए रखने के लिए ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं।
NationPress
16/08/2025

Frequently Asked Questions

एसबीआई ने ब्याज दरें क्यों बढ़ाई?
एसबीआई ने ब्याज दरें बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि वह अपने लाभ मार्जिन को बनाए रख सके।
ब्याज दरों का असर किस पर पड़ेगा?
बढ़ी हुई दरें मुख्यतः कम क्रेडिट स्कोर वाले उधारकर्ताओं पर असर डालेंगी।
अन्य बैंकों की ब्याज दरें क्या हैं?
अन्य सरकारी बैंकों की ब्याज दरें 7.35 प्रतिशत से लेकर 10.10 प्रतिशत तक हैं।
क्या यह बढ़ोतरी सभी उधारकर्ताओं पर लागू होगी?
हाँ, यह बढ़ोतरी सभी नए उधारकर्ताओं के लिए लागू होगी।
क्या आरबीआई की नीतियों का इस पर प्रभाव है?
हाँ, आरबीआई की मौद्रिक नीति और रेपो रेट का इस पर सीधा प्रभाव होता है।