क्या अमिताभ बच्चन ने जीवन में 'संस्कार' का महत्व बताया?

सारांश
Key Takeaways
- संस्कारों का मानव जीवन में गहरा असर होता है।
- संस्कार व्यक्ति के स्वभाव को आकार देते हैं।
- ये संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में सहायक होते हैं।
- संस्कारों से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
- संस्कारों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है।
मुंबई, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अपने माता-पिता तेजी बच्चन और हरिवंश राय बच्चन द्वारा दिए गए संस्कारों के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता द्वारा सिखाए गए मूल्य और शिक्षाएँ उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण विरासत हैं। अमिताभ का मानना है कि इन्हीं संस्कारों के कारण वह आज इस ऊंचाई तक पहुँच पाए हैं।
उन्होंने अपने ब्लॉग में संस्कार पर चर्चा करते हुए लिखा, ''हिंदू संस्कृति में संस्कार का अर्थ है वे विशेष रीति-रिवाज और प्रक्रियाएं, जो मानव जीवन के विभिन्न अवसरों पर निभाई जाती हैं। इनका उद्देश्य मानव के शरीर, मन और सोच को शुद्ध करना और उनके अच्छे चरित्र एवं व्यक्तित्व का निर्माण करना होता है।''
उन्होंने आगे कहा कि संस्कार किसी व्यक्ति के स्वभाव, सोच और व्यवहार को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये संस्कार उन्हें अच्छे मार्ग पर चलने, सही और गलत में अंतर समझने, और ईमानदारी से जीवन जीने की शिक्षा देते हैं।
अमिताभ ने बताया, ''संस्कार एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हमारे सांस्कृतिक मूल्य, परंपराएँ और विश्वास एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचते हैं। इससे समाज में एकता बनी रहती है और हमारी परंपराएँ आगे बढ़ती रहती हैं।''
उन्होंने कहा कि संस्कारों के कारण व्यक्ति का डर कम होता है, मन में मजबूती आती है और जीवन को साहस एवं आत्मविश्वास के साथ जीने की शक्ति मिलती है।
महानायक ने कहा कि उनके माता-पिता ने संस्कारों को विशेष महत्व दिया।
उन्होंने कहा, ''हमारे जीवन में, विशेषकर बचपन के दिनों में, माँ और बाबूजी ने हमेशा संस्कारों को बहुत महत्व दिया। यह एक सुंदर गुण है, जो हमारे अंदर बचपन से ही डाला गया।''
अमिताभ बच्चन ने कहा कि संस्कार हमारे लिए सबसे बड़ी संपत्ति हैं, जो हमें हमारे बुजुर्गों और पूर्वजों से मिली हैं। हम सभी इन संस्कारों को बहुत संभालकर रखते हैं, जैसे कोई अनमोल उपहार हो।