क्या काम के दबाव पर हुमा कुरैशी की सोच में बदलाव आया है?

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क्या काम के दबाव पर हुमा कुरैशी की सोच में बदलाव आया है?

सारांश

हुमा कुरैशी ने हाल ही में अपने करियर और जीवन के बारे में विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने दूसरों की उम्मीदों से खुद को मुक्त किया है और अपने काम में संतुलन पाया है। जानें उनकी सोच में बदलाव के बारे में।

Key Takeaways

  • दबाव से मुक्ति: दूसरों की उम्मीदों से खुद को दूर रखना।
  • आत्मविश्वास: अपने काम को बिना किसी डर के करना।
  • सफलता की परिभाषा: बाहरी प्रशंसा से अधिक आंतरिक संतोष।
  • विकास: असफलता को सीखने के अवसर के रूप में देखना।
  • परिपक्वता: समय के साथ खुद को समझना।

मुंबई, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मजबूत किरदारों और बेबाक अंदाज के लिए जानी जाने वाली अभिनेत्री हुमा कुरैशी इन दिनों नई वेब सीरीज 'महारानी 4' के साथ-साथ अपने जीवन और करियर को लेकर चर्चा में हैं। लगातार काम और बड़े प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनने के बीच वह खुद से कैसे जुड़ी रहती हैं, इस पर उन्होंने राष्ट्र प्रेस से खुलकर बात की।

उन्होंने कहा कि अब वह अपने काम को ज्यादा आजादी और आत्मविश्वास के साथ देखती हैं। एक कलाकार के लिए सबसे जरूरी है खुद को समझना और वही करना जिससे दिल संतुष्ट हो।

हुमा ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "मैंने अब दूसरों की अनावश्यक टिप्पणियों और आलोचनाओं को नजरअंदाज करना सीख लिया है। पहले मैं 'लोग क्या कहेंगे' इस बारे में अक्सर चिंतित रहती थीं, लेकिन अब मैं इस शोर को अपने दिमाग में घुसने ही नहीं देती हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि एक अभिनेता तभी अच्छा काम कर सकता है, जब वह उन बातों पर ध्यान दे जो उसे बेहतर बनाने में मदद करें, न कि उन बातों पर जो सिर्फ तनाव बढ़ाती हों। इसलिए मैं खुद को समय देती हूं, अपनी सोच को स्पष्ट रखती हूं और सिर्फ अपने काम पर फोकस करती हूं।"

जब राष्ट्र प्रेस ने उनसे पूछा कि वह बाहरी उम्मीदों और अपनी निजी सोच के बीच कैसे संतुलन बनाती हैं, तो उन्होंने सादगी से जवाब देते हुए कहा, "मैं ऐसा कोई दबाव नहीं लेती। किसी दूसरे व्यक्ति की उम्मीदें मेरी जिम्मेदारी नहीं हैं। मेरा काम है अपने किरदारों को ईमानदारी से निभाना, करियर को अपनी शर्तों पर आगे बढ़ाना और वह सब करना जो मुझे सही लगे। लोगों की राय पर चलना मेरे लिए कभी महत्वपूर्ण नहीं रहा।"

हुमा ने आगे कहा, "मेरी सोच समय के साथ बदली है, लेकिन अचानक नहीं। धीरे-धीरे मैं इन चीजों को एक नए नजरिए से देखने लगी हूं। अब मैं सफलता को सिर्फ बाहरी प्रशंसा के रूप में नहीं, बल्कि अपने भीतर की शांति और संतुलन के रूप में भी देखती हूं। असफलता को भी मैं एक सीख की तरह लेती हूं, जिससे आगे का काम और बेहतर हो सके।"

उन्होंने कहा, "मेरे भीतर एक तरह की परिपक्वता आई है। एक कलाकार, एक इंसान और एक महिला के रूप में मैंने खुद को पहले से ज्यादा समझा है। यह समझ मुझे काम करते समय हल्का महसूस कराती है। अब मेरे अंदर वह तनाव या दबाव नहीं रहता, जिसे कई कलाकार लगातार महसूस करते हैं। आज मैं बिना किसी डर या बोझ के काम करती हूं और इसे बेहद एन्जॉय करती हूं।"

Point of View

बल्कि अन्य कलाकारों के लिए भी प्रेरणादायक हैं। जब एक कलाकार अपने काम को आत्मविश्वास और स्वतंत्रता के साथ देखता है, तो वह न केवल अपने लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक सकारात्मक उदाहरण पेश करता है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

हुमा कुरैशी ने दूसरों की उम्मीदों से खुद को कैसे मुक्त किया?
हुमा कुरैशी ने बताया कि उन्होंने दूसरों की अनावश्यक टिप्पणियों को नजरअंदाज करना सीख लिया है और अब अपने काम पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
क्या हुमा कुरैशी ने अपने करियर में संतुलन पाया है?
हाँ, उन्होंने कहा कि अब वह बाहरी उम्मीदों और अपनी सोच के बीच संतुलन बनाने में सक्षम हैं।
हुमा कुरैशी का सफलता के बारे में क्या नजरिया है?
हुमा के अनुसार, सफलता केवल बाहरी प्रशंसा नहीं है, बल्कि अपने भीतर की शांति और संतुलन भी है।
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