क्या ब्रेस्ट इम्प्लांट से दर्द झेल चुकीं शर्लिन चोपड़ा ने अपना अनुभव साझा किया?
सारांश
Key Takeaways
- शर्लिन चोपड़ा के अनुभव से पता चलता है कि ब्रेस्ट इम्प्लांट स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
- बाहरी सुंदरता के लिए अपने स्वास्थ्य को जोखिम में डालना समझदारी नहीं है।
- फैसले लेने से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक है।
- स्वाभाविकता को अपनाना और अपने शरीर का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री और मॉडल शर्लिन चोपड़ा ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने ब्रेस्ट इम्प्लांट से सिलिकॉन कप्स हटाने का अनुभव साझा किया। उन्होंने खुलासा किया कि वह 2021 से 10 नवंबर तक पुरानी दर्द से जूझ रही थीं। ब्रेस्ट इम्प्लांट हटवाने के बाद उन्होंने इस दर्द से पूरी तरह तौबा कर ली है।
उन्होंने बताया, "मुझे गर्दन, कंधे और पीठ में दर्द, सीने में तकलीफ, सांस लेने में कठिनाई और ब्रेन फॉग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। जब मैंने कई मेडिकल जांच करवाई, तो पता चला कि इन सबका असली कारण मेरे भारी ब्रेस्ट इम्प्लांट थे।"
मीडिया से बातचीत के दौरान शर्लिन ने कहा, "इन भारी इम्प्लांट को हटवाने के बाद मेरा वजन लगभग दो किलो कम हो गया, जिससे मुझे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से राहत मिली है। अब न केवल दर्द में कमी आई है, बल्कि मैं आर्टिफिशियल बोझ से भी मुक्त हो गई हूँ।"
उन्होंने अपने अनुभव के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "जब प्रकृति ने शरीर का विकास सही तरीके से किया है, तो हमें भारी ब्रेस्ट इम्प्लांट करवाने की आवश्यकता क्यों है?"
उन्होंने स्पष्ट किया कि आजकल लोग सोशल मीडिया पर लाइक और व्यूज के लिए अपने शरीर के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और ऐसे निर्णय जीवन के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। अब उन्होंने ठान लिया है कि वे अपने शरीर के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं करेंगी।
असल में, ब्रेस्ट इम्प्लांट एक कॉस्मेटिक सर्जरी है, जिसमें स्तनों के आकार को बढ़ाने के लिए सिलिकॉन या अन्य सामग्री के इम्प्लांट लगाए जाते हैं। यह इम्प्लांट स्तन के नीचे छोटे चीरे के माध्यम से शरीर में फिट किए जाते हैं।
शर्लिन ने सोशल मीडिया पर युवाओं से अपील की कि वे किसी भी कॉस्मेटिक प्रक्रिया को शुरू करने से पहले उसके सभी सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को अच्छे से जान लें। उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करना अत्यंत आवश्यक है ताकि कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न हो।