क्या रोज करें अष्टांग नमस्कार, घटेगी पेट की चर्बी, मजबूत होगा पूरा शरीर?
सारांश
Key Takeaways
- अष्टांग नमस्कार का नियमित अभ्यास शरीर को लचीला बनाता है।
- यह पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है।
- हाथों और कंधों की ताकत बढ़ाता है।
- छाती की जकड़न को खोलता है।
- पीठ और कमर दर्द में राहत देता है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जिम में घंटों मेहनत करने के बावजूद अगर पेट की चर्बी कम नहीं हो रही और शरीर में कमजोरी महसूस हो रही है, तो अष्टांग नमस्कार आपके लिए एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। यह आसन पीठ और कमर दर्द से भी राहत प्रदान करता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने सूर्य नमस्कार की महत्वपूर्ण श्रृंखला के अंतर्गत आने वाले आसन अष्टांग नमस्कार के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। इसका नियमित अभ्यास न केवल पेट की चर्बी कम करने में सहायक है, बल्कि हाथों को मजबूत बनाने और पूरे शरीर को स्वस्थ और लचीला रखने में भी मदद करता है।
अष्टांग नमस्कार सूर्य नमस्कार की श्रृंखला का छठा आसन है, जिसमें शरीर के आठ अंग (दोनों हाथ, दोनों घुटने, छाती, ठोड़ी और दोनों पैरों की उंगलियां) एक साथ जमीन को छूते हैं। इस आसन में व्यक्ति पेट के बल लेटकर छाती और ठोड़ी को जमीन पर टिकाता है, जबकि कूल्हे हल्के ऊपर होते हैं।
इसका अभ्यास कई स्वास्थ्य लाभ देता है। यह हाथों को मजबूत करता है और कोहनी मोड़कर शरीर का वजन हाथों पर लेने से कलाइयों, बाजुओं और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। पेट का जमीन की ओर दबना पेट और कमर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में सहायक होता है। यह छाती की जकड़न को भी खोलता है, जिससे फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि होती है और सांस की समस्याओं में राहत मिलती है। रीढ़ की हल्की स्ट्रेचिंग से पुरानी कमर और पीठ दर्द से आराम मिलता है, साथ ही यह शरीर को लचीला बनाता है।
नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन बढ़ता है। अष्टांग नमस्कार करने से कुछ ही हफ्तों में पेट की चर्बी में कमी और शरीर में ऊर्जा की वृद्धि होती है। हालांकि, इस दौरान विशेषज्ञ द्वारा कुछ सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी है। यदि घुटनों, कलाइयों या कमर में गंभीर दर्द हो, तो इस आसन का अभ्यास न करें। गर्भवती महिलाएं और हाल में पेट की सर्जरी कराने वाले व्यक्ति इस आसन से बचें। सांस को जबरदस्ती न रोकें, सामान्य सांस लें। शुरुआत में किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास करें ताकि मुद्रा सही बनी रहे।