क्या भारतीय फार्मा मार्केट ने जून में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की?

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क्या भारतीय फार्मा मार्केट ने जून में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की?

सारांश

भारतीय फार्मा मार्केट ने जून में 11.5 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की है। इस वृद्धि का मुख्य कारण रेस्पिरेटरी, कार्डियक और अन्य क्षेत्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या खास है।

Key Takeaways

  • जून में फार्मा मार्केट में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • घरेलू कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया।
  • रेस्पिरेटरी और कार्डियक क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि देखी गई।
  • एक्यूट सेगमेंट की हिस्सेदारी 60.8 प्रतिशत रही।
  • वार्षिक वृद्धि दर में मूल्य और मात्रा का योगदान महत्वपूर्ण रहा।

नई दिल्ली, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय फार्मा मार्केट (आईपीएम) ने इस वर्ष जून में सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर दर्ज की। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, इस आंकड़े की तुलना में पिछले वर्ष जून में आईपीएम में 7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी। मई 2025 में, फार्मा मार्केट में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह नवीनतम वृद्धि रेस्पिरेटरी, कार्डियक, सेंट्रल नर्वस सिस्टम, और पेन थैरेपी जैसे क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन के कारण हुई है, जिनका प्रदर्शन जून में आईपीएम से बेहतर रहा।

मौसमी बदलाव के चलते एक्यूट थैरेपी में वृद्धि जून 2024 के 7 प्रतिशत और मई 2025 के 5 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष जून में 11 प्रतिशत रही है।

जून में एंटी-इन्फेक्टिव दवाओं की वार्षिक वृद्धि दर में पिछले महीनों की तुलना में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 12 महीनों में आईपीएम की वृद्धि में 4.2 प्रतिशत मूल्य वृद्धि, इसके बाद 2.3 प्रतिशत नए लॉन्च वृद्धि और 1.5 प्रतिशत मात्रा वृद्धि का योगदान रहा।

इसके अलावा, इंडस्ट्री ने मूविंग एनुअल टर्नओवर (एमएटी) के आधार पर वार्षिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत दर्ज की है।

क्रॉनिक थैरेपी में वार्षिक वृद्धि दर 10 प्रतिशत रही, जबकि एक्यूट थैरेपी में वार्षिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही।

कार्डियक थैरेपी में वार्षिक वृद्धि दर 11.8 प्रतिशत सबसे अधिक रही, उसके बाद सीएनएस की वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत और डर्मल थेरेपी की वृद्धि दर 8.6 प्रतिशत रही।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जून में कुल आईपीएम में एक्यूट सेगमेंट की हिस्सेदारी 60.8 प्रतिशत रही है, जबकि सालाना आधार पर वृद्धि 6.8 प्रतिशत रही।

इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जून में घरेलू कंपनियों ने बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों (एमएनसी) से बेहतर प्रदर्शन किया।

जून तक भारतीय दवा कंपनियों के पास आईपीएम में 84 प्रतिशत की बहुलांश हिस्सेदारी है, जबकि शेष बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पास है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2025 में सालाना आधार पर भारतीय कंपनियों की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत रही, जबकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों की वृद्धि दर 11.2 प्रतिशत रही।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि भारतीय फार्मा मार्केट की वृद्धि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि न केवल घरेलू कंपनियाँ, बल्कि बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भी इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
NationPress
16/07/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय फार्मा मार्केट की वृद्धि दर क्या है?
भारतीय फार्मा मार्केट ने जून में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है।
कौन से क्षेत्रों में वृद्धि हुई है?
रेस्पिरेटरी, कार्डियक, सेंट्रल नर्वस सिस्टम और पेन थैरेपी जैसे क्षेत्रों में वृद्धि हुई है।
घरेलू कंपनियों का प्रदर्शन कैसा रहा?
घरेलू कंपनियों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
एक्यूट थैरेपी की वृद्धि दर क्या है?
इस वर्ष जून में एक्यूट थैरेपी में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
कार्डियक थैरेपी की वृद्धि दर कितनी है?
कार्डियक थैरेपी में 11.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर रही।