क्या प्याज सिर्फ सब्जी का स्वाद बढ़ाती है या सेहत का भी ख्याल रखती है?
सारांश
Key Takeaways
- प्याज पाचन में सुधार करता है।
- यह त्वचा की समस्याओं में राहत देता है।
- बालों के लिए यह बेहद फायदेमंद है।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- गर्मी में ठंडक देने में मदद करता है।
नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्याज केवल एक स्वादिष्ट सब्जी नहीं है, बल्कि आयुर्वेद में इसे एक विशेष औषधि के रूप में माना गया है। प्राचीन काल से यह पाचन, त्वचा, बाल, हृदय और यौन स्वास्थ्य की समस्याओं में उपयोग होता आया है। आयुर्वेद के अनुसार, यदि इसे सही मात्रा में दैनिक सेवन किया जाए, तो यह शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से लड़ने में सहायता करता है।
प्याज का मुख्य कार्य वात और कफ दोषों को संतुलित करना है। यह विशेष रूप से पाचन, त्वचा और मूत्र मार्ग की समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
रोजाना कच्चा प्याज खाने से पाचन शक्ति में सुधार होता है और गैस, अपच जैसी समस्याएं समाप्त होती हैं। त्वचा की बीमारियों के लिए प्याज का रस नीम के तेल के साथ मिलाकर लगाने से फोड़े-फुंसी, खुजली और एक्जिमा में राहत मिलती है।
यह बालों के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। प्याज का रस बालों की जड़ों को मजबूत करता है और डैंड्रफ की समस्या को कम करता है। यौन दुर्बलता को दूर करने के लिए इसे घी और शहद के साथ मिलाकर रात को खाने की सलाह दी जाती है। प्याज हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यह रक्त को पतला करता है, जिससे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। इसके अतिरिक्त, मधुमेह में यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है और सर्दी-जुकाम में बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है।
गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करने के लिए इसे छाछ या काला नमक के साथ खाया जा सकता है। घावों और फोड़े-फुंसी में भुना प्याज लगाने से सूजन और संक्रमण में कमी आती है। इसे सलाद के रूप में, रायता बनाकर या पकाकर भी खाया जा सकता है। रस के रूप में शहद या गुनगुने पानी के साथ लेना भी फायदेमंद होता है।
हालांकि, प्याज की गर्म तासीर के कारण गर्भवती महिलाओं को इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए और पित्त प्रकृति के लोगों को अधिक सेवन से बचना चाहिए। अत्यधिक सेवन से बदबूदार पसीना, मुंह की दुर्गंध या एसिडिटी की समस्याएं हो सकती हैं।