क्या सर्दी से राहत के लिए आपको भी चाहिए प्राणायाम?

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क्या सर्दी से राहत के लिए आपको भी चाहिए प्राणायाम?

सारांश

सर्दियों में ठंड से राहत पाने के लिए सूर्यभेदन प्राणायाम एक प्रभावी उपाय है। इस लेख में जानिए इसे कैसे करना है और इसके लाभ क्या हैं।

Key Takeaways

  • सूर्यभेदन प्राणायाम से शरीर की गर्मी बढ़ती है।
  • यह इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
  • सर्दियों में सर्दी-जुकाम से राहत दिलाता है।
  • तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।

नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों का मौसम अब शुरू हो चुका है। कुछ ही समय में कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में एक विशेष प्राणायाम है, जिसका नियमित अभ्यास करके आप अत्यधिक ठंड से राहत पा सकते हैं। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय सूर्यभेदन नामक प्राणायाम के बारे में बताते हुए इसे ठंड से निपटने का एक प्राकृतिक उपाय मानता है।

मंत्रालय के अनुसार, 'सूर्य' का अर्थ है सूर्य और पिंगला नाड़ी, जबकि 'भेदन' का अर्थ है भेदन करना या सक्रिय करना। यह प्राणायाम दाहिनी नासिका से सांस लेकर पिंगला नाड़ी में प्राण शक्ति जगाता है, जिससे शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है। इसके लिए आपको दाहिनी नासिका से गहरी सांस लेनी है और बाईं नासिका से छोड़नी है। यही इस प्राणायाम की विशेषता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्राणायाम त्रिदोष असंतुलन से होने वाले रोगों को समाप्त करता है और साइनस को साफ रखता है।

ठंड के मौसम में शरीर आमतौर पर सुस्त हो जाता है, जिससे इम्यूनिटी कमजोर पड़ सकती है। सूर्यभेदन प्राणायाम शरीर की आंतरिक अग्नि को प्रज्वलित कर बॉडी हीट बढ़ाता है, जिससे सर्दी-जुकाम, कफ, और दमा जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और मानसिक स्पष्टता लाता है।

आयुष मंत्रालय की योग गाइडलाइंस में इसे सर्दियों का विशेष प्राणायाम बताया गया है, जो वात-कफ विकारों को संतुलित कर तनावमुक्त जीवन जीने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से पाचन प्रणाली मजबूत होती है, चेहरे की झुर्रियां कम होती हैं और एनर्जी बढ़ती है।

मंत्रालय ने सूर्यभेदन प्राणायाम करने की सही विधि और इसके लाभ भी साझा किए हैं। एक शांत स्थान पर पद्मासन, सुखासन या वज्रासन की मुद्रा में बैठें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और आँखें बंद रखें। दाहिने हाथ से नासाग्र मुद्रा बनाएं, अंगूठा दाहिनी नासिका पर और अनामिका बाईं पर रखें। बाईं नासिका बंद कर दाहिनी से गहरी सांस लें। दोनों नासिकाएं बंद कर कुंभक करें और फिर दाहिनी नासिका बंद कर बाईं से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराएं। इसे सुबह खाली पेट या शाम को करें।

सूर्यभेदन प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कई लाभ होते हैं। यह ठंड में शरीर की गर्मी बढ़ाकर कंपकंपी दूर करता है। सर्दी-जुकाम, कफ, अस्थमा, साइनस, और निमोनिया से राहत मिलती है। तनाव कम होता है, एकाग्रता और स्मृति में सुधार होता है। पाचन अग्नि मजबूत होती है, अपच और वात की समस्या समाप्त होती है। इससे रक्त शुद्ध होता है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, इम्यूनिटी मजबूत होती है और थायरॉइड, कोलेस्ट्रॉल, और डायबिटीज की समस्याओं में भी राहत मिलती है, साथ ही त्वचा भी निखरती है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सर्दियों में स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए प्राकृतिक उपायों को अपनाना आवश्यक है। सूर्यभेदन प्राणायाम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यह देश के नागरिकों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

सूर्यभेदन प्राणायाम कब करना चाहिए?
सुबह खाली पेट या शाम को करना सबसे अच्छा होता है।
क्या सूर्यभेदन प्राणायाम से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है?
हाँ, यह प्राणायाम सर्दी-जुकाम और अन्य श्वसन समस्याओं में राहत देता है।
क्या इसे हर कोई कर सकता है?
हाँ, इसे कोई भी व्यक्ति कर सकता है, लेकिन विशेष स्वास्थ्य समस्याओं वाले व्यक्तियों को पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।