क्या जी20 समिट में भारत और दक्षिण कोरिया अर्थव्यवस्था और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाएंगे?

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क्या जी20 समिट में भारत और दक्षिण कोरिया अर्थव्यवस्था और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाएंगे?

सारांश

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 समिट के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावना शामिल थी। क्या यह सहयोग दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा? जानिए इस बातचीत के महत्वपूर्ण पहलुओं को।

Key Takeaways

  • दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग और प्रधानमंत्री मोदी के बीच सहयोग पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई।
  • इकोनॉमी, संस्कृति और सुरक्षा में गहरी साझेदारी की दिशा में कदम उठाए गए।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिफेंस इंडस्ट्री में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर सहमति बनी।
  • ली ने भारत आने का न्योता स्वीकार किया।
  • दक्षिण अफ्रीका में कोरियाई नागरिकों के मतदान अधिकारों को बेहतर बनाने पर विचार किया गया।

जोहान्सबर्ग, २३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा के साथ संवाद किया। इस बातचीत में दोनों देशों के बीच सहयोग के मुद्दे पर चर्चा की गई। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने रविवार को यह जानकारी साझा की।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के दौरान ली ने अर्थव्यवस्था, संस्कृति और सुरक्षा सहित लोगों के बीच संवाद को और मजबूत बनाने की उम्मीद जताई।

प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण कोरिया की एडवांस्ड शिपबिल्डिंग कैपेबिलिटी और भविष्य के क्षेत्र में शिपबिल्डिंग में सहयोग की प्रशंसा की। इसके साथ ही उन्होंने डिफेंस इंडस्ट्री में द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने की उम्मीद भी व्यक्त की।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, "दोनों नेता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिफेंस इंडस्ट्री जैसे विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने और कार्य स्तर पर परामर्श पर जोर देने की आवश्यकता पर सहमत हुए।"

बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने ली को भारत आने का निमंत्रण दिया और ली ने द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए भारत के निमंत्रण को स्वीकार किया।

साथ ही, ली ने लूला से मिलकर अर्थव्यवस्था, संस्कृति और सुरक्षा के क्षेत्रों में दोनों सरकारों और उनके निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ाने के उपायों पर विचार किया। उन्होंने आर्थिक नीति, आय पुनर्वितरण और लोकतंत्र पर भी विमर्श किया।

जी20 समिट के दौरान ली ने शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज के साथ अलग-अलग वार्ता की।

ली ने यह भी बताया कि उनकी सरकार विदेश में रहने वाले कोरियाई नागरिकों के मतदान अधिकारों को बेहतर बनाने के तरीकों पर विचार कर रही है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की शुरुआत भी शामिल है।

दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले कोरियाई नागरिकों के साथ एक बैठक के दौरान ली ने बताया कि देश में लगभग ४,००० कोरियाई नागरिकों में से कई पोलिंग स्टेशनों की कमी के कारण वोट डालने के लिए लंबी दूरी तय करते हैं, और उनकी समस्याओं को कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम अपनाने का सुझाव दिया।

Point of View

बल्कि सुरक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

जी20 समिट का उद्देश्य क्या था?
जी20 समिट का उद्देश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और विकास के मुद्दों पर चर्चा करना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच कौन-कौन से क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाएगा?
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, संस्कृति और डिफेंस इंडस्ट्री में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई।
क्या भारत और दक्षिण कोरिया के बीच कोई विशेष समझौता हुआ?
हालांकि कोई विशेष समझौता नहीं हुआ, लेकिन दोनों नेताओं ने सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की।
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