क्या चीन में कन्फ़्यूशियस को विशेष सम्मान प्राप्त है? उनके नाम पर बना विशाल मंदिर

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क्या चीन में कन्फ़्यूशियस को विशेष सम्मान प्राप्त है? उनके नाम पर बना विशाल मंदिर

सारांश

कन्फ्यूशियस का मंदिर चीन में विशेष सम्मान का प्रतीक है। जानिए इस विशाल मंदिर की खासियतें और श्रद्धालुओं की आस्था के पीछे का रहस्य।

Key Takeaways

  • कन्फ्यूशियस का मंदिर चीन की सांस्कृतिक धरोहर है।
  • यह मंदिर 21,000 वर्ग मीटर में फैला है।
  • यहां एक 2,100 साल पुराना पेड़ है।
  • कन्फ्यूशियस का जन्मदिन 28 सितंबर को मनाया जाता है।
  • यह मंदिर यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है।

बीजिंग, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। चीनी लोग और सरकार न केवल कन्फ्यूशियस के विचारों से प्रेरित हैं, बल्कि उन्हें विशेष सम्मान भी देते हैं। पूरे चीन में उनसे जुड़े कई मंदिर और मूर्तियां हैं, जहां इस महान दार्शनिक के बारे में विस्तृत जानकारी और विभिन्न वस्तुएं देखने को मिलती हैं।

शानतोंग प्रांत के छवीफू में कन्फ्यूशियस का एक विशाल मंदिर स्थापित किया गया है। यह चीन और पूर्वी एशिया में कन्फ्यूशियस के सबसे बड़े और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। चीनी में इसे खोंग मियाओ कहा जाता है।

यह मंदिर परिसर लगभग 21,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है, जिसमें कुल 460 कमरे हैं। यहां कई गेट, प्राचीन खंभे और वृक्ष हैं, जो आने वाले श्रद्धालुओं की जिज्ञासा का केंद्र हैं। बड़ी संख्या में लोग यहां अपने खुशहाल जीवन के लिए पूजा-अर्चना करने आते हैं।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां एक पेड़ 2,100 साल पुराना है। लोग इस वृक्ष के पास आकर दीर्घायु की कामना करते हैं। ताछंग हॉल 24.8 मीटर ऊंचा है, जहां प्रतिदिन 11 बजे पांच प्रकार के खाद्य पदार्थ अर्पित किए जाते हैं। हर साल 28 सितंबर को कन्फ्यूशियस के जन्मदिन पर विशेष आयोजन होता है, जिसमें भेड़, सुअर और बैल का मांस चढ़ाया जाता है।

इस बड़े हॉल में कन्फ्यूशियस की बैठी हुई मुद्रा में मूर्ति है। गाइड के अनुसार, चीन में ऐसे तीन भवन हैं - पहला फॉरबिडन सिटी, दूसरा ताछंग हॉल और तीसरा थाई पर्वत का भवन।

वर्ष 1994 में इस मंदिर को यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। 1499 में लगी आग के बाद इसका अंतिम बड़ा पुनर्निर्माण मिंग राजवंश के दौरान हुआ था, जिससे इसकी वास्तुकला फॉरबिडन सिटी से मिलती-जुलती है।

मंदिर के मुख्य भाग में नौ प्रांगण हैं, जो एक केंद्रीय अक्ष पर व्यवस्थित हैं। पहले तीन प्रांगणों में छोटे गेट और ऊंचे देवदार के पेड़ हैं। पहले गेट का नाम लिंगशिंग गेट है, जो दर्शाता है कि कन्फ्यूशियस स्वर्ग से आया एक तारा है। अन्य प्रांगणों की इमारतें पीले छत-टाइलों और लाल दीवारों वाली हैं।

गाइड ने बताया कि विभिन्न खंभों के ऊपर स्वर्णजड़ित प्लेट्स हैं, जिनके पुनर्निर्माण में करोड़ों युआन खर्च हुए। लेकिन परिसर के मूल स्वरूप को नहीं बदला गया, जिससे पता चलता है कि चीन में प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण पर ध्यान दिया जाता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

बल्कि यह वैश्विक धरोहर का भी प्रतीक है। यह दर्शाता है कि कैसे पूर्वी सभ्यता ने अपने दार्शनिकों को सम्मानित किया है और उनके विचारों को संरक्षित किया है।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

कन्फ्यूशियस का मंदिर कहाँ स्थित है?
कन्फ्यूशियस का मंदिर शानतोंग प्रांत के छवीफू में स्थित है।
इस मंदिर की वास्तुकला किससे मिलती-जुलती है?
इसकी वास्तुकला फॉरबिडन सिटी से मिलती-जुलती है।
क्यों कन्फ्यूशियस का जन्मदिन विशेष होता है?
28 सितंबर को कन्फ्यूशियस का जन्मदिन मनाया जाता है, जिसमें विशेष आयोजन होते हैं।
इस मंदिर में कितने प्रांगण हैं?
मंदिर के मुख्य भाग में नौ प्रांगण हैं।
क्या कन्फ्यूशियस के विचारों का चीन में सम्मान है?
हां, कन्फ्यूशियस के विचारों को चीन में बहुत सम्मान दिया जाता है।