क्या चीन के नए ऊर्जा वाहनों से मध्य एशियाई नागरिकों के लिए यात्रा के नए विकल्प उपलब्ध हो रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- स्थानीय यात्रा के विकल्पों में वृद्धि हुई है।
- आर्थिक विकास में तेजी आई है।
- स्थानीय तकनीकी स्तर में सुधार हो रहा है।
- चीन और मध्य एशियाई देशों के बीच गहरा सहयोग हो रहा है।
- हरित परिवहन के लिए नए अवसर बन रहे हैं।
बीजिंग, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। इस साल अप्रैल में तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में एक नई और आधुनिक परिवहन सेवा का शुभारंभ हुआ, जब वहाँ 12 मीटर लंबी एक सफेद बस देखी गई।
चीन से आयातित यह बस स्थानीय निवासियों के लिए एक नया और आधुनिक यात्रा विकल्प प्रस्तुत करती है। यह बस न केवल नवीनतम पर्यावरण मानकों का पालन करती है, बल्कि यह उपग्रह पोजिशनिंग उपकरण से सुसज्जित है और डिजिटल भुगतान का भी समर्थन करती है।
अश्गाबात में इस वर्ष कुल 700 यूथोंग बसें परिचालन में लाई जाएंगी। यह हाल के वर्षों में तुर्कमेनिस्तान में अपनी तरह की सबसे बड़ी बस खरीद परियोजना है, जिससे 10 लाख से अधिक निवासियों की दैनिक यात्रा संबंधी जरूरतें पूरी होने का अनुमान है। यह पहल चीन और मध्य एशियाई देशों के बीच गहरे होते सहयोग का एक स्पष्ट उदाहरण है।
मई 2023 में, पहले चीन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के आयोजन के बाद से, चीन और मध्य एशियाई देशों ने लगातार सहयोग की नई संभावनाओं की खोज की है। वे विशेष रूप से हरित और निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था के विकास के लिए मिलकर प्रयास कर रहे हैं, जो क्षेत्र के लिए नए विकास बिंदु बना रहा है। वर्तमान में, ऑटोमोबाइल उद्योग इस सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र बन गया है। कई चीनी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने मध्य एशियाई देशों में अपनी बिक्री कंपनियां और संयुक्त उद्यम कारखाने स्थापित किए हैं, जिससे दोनों पक्षों के बीच सहयोग लगातार गहरा हो रहा है।
इस बढ़ते सहयोग से स्थानीय लोगों के लिए यात्रा के अधिक विकल्प उपलब्ध हुए हैं, साथ ही स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं और लोगों की आय में वृद्धि हुई है। इसने बड़ी संख्या में औद्योगिक श्रमिकों को प्रशिक्षित करने में मदद की है और स्थानीय तकनीकी स्तर में भी सुधार किया है।
आज, चीन द्वारा विकसित और निर्मित अधिकाधिक इलेक्ट्रिक बसें, प्राकृतिक गैस बसें और टैक्सियां पूरे मध्य एशिया में देखी जा सकती हैं, जो इन देशों में हरित परिवहन के विकास के लिए मजबूत समर्थन प्रदान कर रही हैं।
(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)