क्या अमेरिका ने आईडीएफ की शुरुआत को अंत तक पहुँचाया? : नेतन्याहू

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क्या अमेरिका ने आईडीएफ की शुरुआत को अंत तक पहुँचाया? : नेतन्याहू

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के न्यूक्लियर स्थलों पर हमले की जानकारी दी। इजरायली पीएम नेतन्याहू ने अमेरिका के साथ अपने संबंधों की प्रशंसा की, यह बताते हुए कि आईडीएफ की शुरुआत को अमेरिका ने आगे बढ़ाया। इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम की पूरी जानकारी जानने के लिए पढ़ें।

Key Takeaways

  • ईरान के न्यूक्लियर स्थलों पर अमेरिकी हमला हुआ।
  • नेतन्याहू ने अमेरिका को करीबी मित्र बताया।
  • ट्रंप ने हमले का कारण बताया कि न्यूक्लियर एनरिचमेंट को तबाह करना है।
  • सीधी बातचीत के माध्यम से संघर्ष का समाधान निकाले जाने की आवश्यकता है।
  • अमेरिका के हमले का समय भारतीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे था।

तेल अवीव, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हमला कर उन्हें नष्ट करने का दावा किया है। इस अपडेट को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में साझा किया। इस एयर स्ट्राइक के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका को अपना करीबी मित्र बताया।

हिब्रू भाषा में जारी वीडियो स्टेटमेंट में इजरायली पीएम ने कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने जो शुरू किया, उसे अमेरिका ने अंत तक पहुंचाया।

नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने संघर्ष की शुरुआत से ही ईरान की 'न्यूक्लियर फैसिलिटी' को तबाह करने का वादा पूरा कर दिया है। अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी के खिलाफ वह काम पूरा किया है, जिसे 'आईडीएफ' ने 13 जून को आरंभ किया था।

नेतन्याहू ने कहा, "ऑपरेशन की शुरुआत में, मैंने आपसे वादा किया था कि ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी को किसी न किसी तरह से तबाह कर दिया जाएगा। यह वादा पूरा किया गया है।"

इजरायली पीएम ने अमेरिकी प्रेसिडेंट से टेलीफोन पर हुई बातचीत का भी ब्योरा दिया। कहा, "मैंने अमेरिकी ऑपरेशन खत्म होने के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने के लिए फोन किया था। यह बहुत गर्मजोशी और भावुक बातचीत थी।"

नेतन्याहू ने कहा, "उन्होंने (ट्रंप) मुझे बधाई दी। उन्होंने हमारी सेना को और उन्होंने हमारे लोगों को बधाई दी। राष्ट्रपति ट्रंप दृढ़ता के साथ स्वतंत्र विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। वह इजरायल के बहुत अच्छे मित्र हैं, ऐसे मित्र जैसा कोई और नहीं।"

बता दें कि ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने बताया है कि उनका इरादा ईरान की 'न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी' को तबाह करना था।

ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा है कि या तो शांति होगी, या त्रासदी। उन्होंने बताया कि अभी कई टारगेट्स बचे हैं। अगर जल्दी शांति नहीं आती, तो अमेरिका अधिक सटीक हमलों के साथ दूसरे टारगेट्स पर हमला करेगा।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया है कि ईरान को अब संघर्ष खत्म करने के लिए सहमत होना चाहिए। अमेरिका का ईरान पर हमला भारतीय समय के अनुसार रविवार सुबह 4:30 बजे हुआ है।

Point of View

हम इस घटनाक्रम को एक महत्वपूर्ण मोड़ मानते हैं। यह न केवल इजरायल और अमेरिका के बीच के संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि ईरान के साथ चल रही टकराव की स्थिति को भी प्रभावित करेगा। इस संघर्ष का समाधान वैश्विक शांति के लिए आवश्यक है।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिका ने ईरान के कौन से स्थलों पर हमला किया?
अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों - फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हमला किया।
नेतन्याहू ने अमेरिका के बारे में क्या कहा?
नेतन्याहू ने अमेरिका को अपना करीबी मित्र बताया और आईडीएफ की शुरुआत को अमेरिका द्वारा अंत तक पहुंचाए जाने की बात कही।
ट्रंप ने हमले के पीछे का क्या कारण बताया?
ट्रंप ने बताया कि उनका इरादा ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को तबाह करना था।
अमेरिका के इस हमले का समय क्या था?
अमेरिका का ईरान पर हमला भारतीय समय के अनुसार रविवार सुबह 4:30 बजे हुआ।
क्या यह संघर्ष का अंत है?
ट्रंप ने कहा है कि या तो शांति होगी, या त्रासदी, और अमेरिका अधिक सटीक हमलों के लिए तैयार है।