क्या 'या तो शांति होगी या त्रासदी'? ईरान पर 'एयर स्ट्राइक' के बाद डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी

सारांश
Key Takeaways
- ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका ने सफलतापूर्वक एयर स्ट्राइक की है।
- ट्रंप ने शांति और त्रासदी के बीच चुनाव की बात की है।
- अमेरिका का उद्देश्य ईरान की परमाणु क्षमता को समाप्त करना है।
- डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के अनुसार, यदि शांति नहीं बनी, तो हमले जारी रहेंगे।
- ईरान को संघर्ष समाप्त करने का आह्वान किया गया है।
वाशिंगटन, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के तीन महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों फोर्डो, नतांज और एस्फहान पर अमेरिकी हमले के बाद, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देशवासियों को संबोधित किया। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका का उद्देश्य ईरान की 'परमाणु संवर्धन क्षमता' को समाप्त करना था। अमेरिका चाहता था कि ईरान के परमाणु खतरे को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जाए।
ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद, ट्रंप ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से ईरान अमेरिका के खिलाफ कार्य कर रहा है। कई अमेरिकी इस नफरत के शिकार हुए हैं, इसलिए अब यह सहन नहीं किया जा सकता।
ट्रंप ने कहा, "या तो शांति होगी या त्रासदी। अभी भी कई लक्ष्य बचे हैं। यदि शांति जल्दी नहीं आती है, तो हम और अधिक सटीक हमलों के साथ अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि जो लक्ष्य चुने गए थे, वे सबसे चुनौतीपूर्ण थे।
डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने इजरायल के साथ संघर्ष समाप्त नहीं किया, तो वह अधिक सटीक हमले करेगा।
यह हमला भारतीय समय के अनुसार रविवार सुबह 4.30 बजे किया गया।
ईरान पर इस एयर स्ट्राइक के बाद, ट्रंप ने 'ट्रुथ' पर लिखा, "हमने ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर सफलतापूर्वक हमला किया है, जिसमें फोर्डो, नतांज और एस्फहान शामिल हैं। सभी विमान अब ईरान के एयर स्पेस से बाहर हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई अन्य सेना ऐसा करने में सक्षम नहीं थी। अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।"
एक अन्य पोस्ट में, ट्रंप ने कहा कि ईरान को अब संघर्ष समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। उन्होंने ईरान से शांति बनाए रखने की अपील की और चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो और बड़े हमले होंगे। ट्रंप रविवार सुबह देश को फिर से संबोधित करेंगे।
उन्होंने कहा कि ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। ट्रंप का कहना है कि अब ईरान को शांति स्थापित करनी चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो उसके खिलाफ और बड़े हमले किए जाएंगे।