क्या ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका में जी-20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने की घोषणा की?
सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप का बहिष्कार अमेरिका के दक्षिण अफ्रीका के प्रति कड़े रुख का संकेत है।
- दक्षिण अफ्रीका में जी-20 सम्मेलन की मेज़बानी वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का अवसर है।
- दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने भेदभाव के आरोपों को खारिज किया है।
वाशिंगटन, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट किया है कि इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका में आयोजित होने वाली जी-20 बैठक में अमेरिकी प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा। उन्होंने मेज़बान देश पर अपने अल्पसंख्यक श्वेत किसानों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है।
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि जी-20 सम्मेलन का दक्षिण अफ्रीका में आयोजन "शर्मनाक" है। उनका कहना है कि वहां कई अफ्रीकी नागरिकों के साथ हिंसा की जा रही है, जो डच, फ्रांसीसी और जर्मन मूल के हैं। उनकी ज़मीन और खेत जबरन छीन लिए जा रहे हैं।
ट्रंप ने कहा कि जब तक यह स्थिति बनी रहेगी, तब तक कोई भी अमेरिकी अधिकारी जी-20 में नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वर्ष 2026 का जी-20 सम्मेलन मियामी, फ्लोरिडा में आयोजित किया जाएगा।
ट्रंप पहले ही कह चुके थे कि वह खुद इस सम्मेलन में भाग लेने नहीं जाएंगे, जहां दुनिया की प्रमुख और उभरती अर्थव्यवस्थाएं एकत्र होती हैं।
अमेरिका का यह निर्णय एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच का शायद ही कभी होने वाला बहिष्कार माना जा रहा है। इससे यह भी साफ है कि ट्रंप प्रशासन का दक्षिण अफ्रीका के प्रति रुख कड़ा होता जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने अमेरिका के भेदभाव के आरोपों को बार-बार खारिज किया है। उनका कहना है कि श्वेत आबादी का जीवन स्तर आज भी देश की अश्वेत बहुसंख्यक आबादी से अधिक है, और किसानों पर अत्याचार की खबरें बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जाती हैं। राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने भी पहले कहा था कि श्वेत किसानों के खिलाफ व्यापक उत्पीड़न की बातें "पूरी तरह झूठ" हैं।
कुछ दिन पहले ट्रंप ने मियामी में एक बयान में कहा था कि दक्षिण अफ्रीका को "जी-20 से बाहर निकाल देना चाहिए", क्योंकि वहां की स्थिति ठीक नहीं है।
कुछ महीने पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक का बहिष्कार किया था। उनका कहना था कि सम्मेलन में ज़रूरत से ज़्यादा विविधता, समानता और जलवायु जैसे मुद्दों पर जोर दिया जा रहा है।
इस समय जी-20 की अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका के पास है और अगले वर्ष संयुक्त राज्य अमेरिका यह पदभार ग्रहण करेगा। सम्मेलन 22 से 23 नवंबर तक जोहानिसबर्ग में होने वाला है। अमेरिका की अनुपस्थिति के बावजूद, बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी, और इसमें विश्व आर्थिक स्थिति, ऊर्जा परिवर्तन और विकास सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।