क्या ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को मिलेगी राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है अंतिम फैसला!

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क्या ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को मिलेगी राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है अंतिम फैसला!

सारांश

ट्रंप के टैरिफ ने वैश्विक व्यापार में हलचल पैदा कर दी है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई जारी है और आज इसके अंतिम निर्णय की संभावना है। क्या यह निर्णय दुनिया के लिए राहत लाएगा? जानें इस महत्वपूर्ण मामले के बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • ट्रंप के टैरिफ ने वैश्विक व्यापार में हलचल मचाई है।
  • अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ पर सुनवाई हो रही है।
  • जस्टिसों ने राष्ट्रपति के निर्णय पर सवाल उठाए हैं।
  • निर्णय आने से पहले वैश्विक व्यापार पर अनिश्चितता बनी हुई है।
  • टैरिफ का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ ने वैश्विक व्यापार क्षेत्र में हलचल मचा दी है। इस संदर्भ में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, और आज इसके अंतिम निर्णय की संभावना जताई जा रही है। इस मामले पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।

5 नवंबर को इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई, जिसमें अधिकांश न्यायाधीशों ने ट्रंप के फैसले पर प्रश्न उठाए।

निचली फेडरल कोर्ट ने पहले यह निर्णय लिया था कि ट्रंप के पास अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों से आयात पर टैरिफ लगाने और कनाडा, चीन तथा मैक्सिको के उत्पादों पर फेंटानिल टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है। इसके बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सुनवाई में लगभग ढाई घंटे तक बहस चली। कोर्ट ने ट्रंप सरकार के टैरिफ के फैसले पर सवाल उठाए। जस्टिस सोनिया सोतोमयोर ने कहा, "आप कहते हैं कि टैरिफ टैक्स नहीं हैं, लेकिन वास्तव में वे टैक्स ही हैं। ये अमेरिकी नागरिकों से धन, राजस्व जुटा रहे हैं।"

इस पर सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने कहा, "मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक नियामक टैरिफ है, टैक्स नहीं। यह सच है कि टैरिफ से राजस्व में वृद्धि होती है और यह केवल आकस्मिक है।"

जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कहा, "अगर मैं सही नहीं हूं तो मुझे सुधारें, लेकिन यह तर्क किसी भी देश के किसी भी उत्पाद पर, किसी भी मात्रा में, किसी भी अवधि के लिए टैरिफ लगाने की शक्ति के लिए दिया जा रहा है।"

जस्टिस रॉबर्ट्स की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने तर्क किया कि आईईईपीए राष्ट्रपति को आपातकाल की स्थिति में 'आयात को विनियमित करने' की अनुमति देता है।

जस्टिस एमी कोनी बैरेट ने सॉयर से कहा, "क्या आप संहिता में ऐसे किसी दूसरे स्थान या इतिहास में किसी दूसरे समय का जिक्र कर सकते हैं, जहां 'आयात को विनियमित करना' वाक्यांश का उपयोग टैरिफ लगाने का अधिकार देने के लिए किया गया हो?"

इसके अलावा, जस्टिस बैरेट ने कहा कि यदि कांग्रेस भविष्य में आपातकालीन टैरिफ पर किसी भी सीमा को मंजूरी देना चाहती है, तो उसे राष्ट्रपति के वीटो को पार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।

जस्टिस बैरेट ने सवाल किया, "अगर कांग्रेस कहती है, 'अरे, हमें यह पसंद नहीं है, इससे राष्ट्रपति को आईईईपीए के तहत बहुत ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं,' तो उसे आईईईपीए से उस टैरिफ शक्ति को वापस लेने में बहुत मुश्किल होगी, है ना?"

हालांकि, अब तक कोर्ट द्वारा मामले में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ निर्णय पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल उठाए हैं।

Point of View

लेकिन यह भी आवश्यक है कि व्यापारिक साझेदारों के साथ संवाद को बढ़ावा दिया जाए।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

ट्रंप के टैरिफ का उद्देश्य क्या है?
ट्रंप के टैरिफ का उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना और विदेशी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाकर घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना है।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ मामले की सुनवाई कब हुई?
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ मामले की अंतिम सुनवाई 5 नवंबर को हुई।
क्या अमेरिकी राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने का अधिकार है?
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है कि क्या ट्रंप को अपने निर्णय के लिए कानूनी अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय कब आएगा?
सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आज आ सकता है।
टैरिफ का वैश्विक व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
टैरिफ का प्रभाव वैश्विक व्यापार में अस्थिरता पैदा कर सकता है और विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है।